देहरादून, 14 अगस्त उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व एवं मौजूदा रक्षा कर्मियों के अलावा युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की पत्नियों को शनिवार को सम्मानित करते हुए कहा कि देश उनके बलिदान के चलते सुरक्षित है।
शनिवार को 47 लोगों को सम्मानित किया गया, जिनमें 21 सेवारत सैनिक, 20 पूर्व रक्षा कर्मी और युद्ध में शहीद हुए छह सैनिकों की पत्नियां शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका हृदय गर्व की भावना से भर गया है क्योंकि वह बहादुर सैनिकों और युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की पत्नियों को सम्मानित कर रहे हैं।
देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों को सलाम करते हुए उन्होंने कहा कि यह उनके चलते ही हो पाया और इस कारण देश सुरक्षित है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सैनिक हमारे असली नायक हैं। वे यहां तक कि अपनी जान की कीमत पर भी अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए तैयार हैं। हमें भारतीय थल सेना पर गर्व है क्योंकि उनके कारण देश सुरक्षित है। ’’
धामी ने कहा, ‘‘एक सैनिक का बेटा होने के नाते मुझे अपने बचपन की यह बात याद आती है कि जब कभी मुझे सेना के कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिलता था, मैंने सेना के कर्मियों की बहादुरी और उनके परिवार द्वारा सामना किये गये संघर्ष को देखा।’’
सैनिकों और उनके परिवारों को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि शहीद सैनिकों के आश्रितों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप सरकारी नौकरी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की पत्नियों को दिये जाने वाले अनुदान की राशि 8,000 रुपये प्रति मास से बढ़ा कर 10,000 रुपये प्रति मास कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि देहरादून में एक वैभवशाली शहीद स्मारक निर्मित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां हर परिवार से कम से कम एक व्यक्ति सेना में है।
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