ग्रेटर नोएडा, 12 सितंबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि राज्य देश का शीर्ष दूध उत्पादक है और अगले दो वर्षों में नौ नए डेयरी संयंत्र काम करने लगेंगे।
उन्होंने राज्य में डेयरी क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के और समर्थन की मांग करते हुए अपनी सरकार की तरफ से सभी तरह का सहयोग देने का आश्वासन दिया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश 319 लाख टन वार्षिक दूध उत्पादन के साथ देश के डेयरी उत्पादन में 16 प्रतिशत का योगदान देता है और देश का शीर्ष दूध उत्पादक राज्य है।
उन्होंने ग्रेटर नोएडा में आयोजित किए गए अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन-2022 के उद्घाटन सत्र में अपने भाषण के दौरान ये आंकड़े साझा किए।
शिखर सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। यह सम्मेलन इससे पहले भारत में 1974 में आयोजित किया गया था।
आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘जनसंख्या के मामले में उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है। यह दूध उत्पादन में भी शीर्ष पर है और कुल उत्पादन में इसका 16 प्रतिशत हिस्सा है। आज उत्तर प्रदेश हर साल 319 लाख टन दूध उत्पादन करता है और दूध उत्पादन में शीर्ष पर है।''
इस मौके पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, उनके सहयोगी राज्य मंत्री संजीव बाल्यान, आईडीएफ के अध्यक्ष पियरक्रिस्टियानो ब्रेजाले भी मौजूद थे।
आदित्यनाथ ने कहा कि शिखर सम्मेलन का विषय - पोषण एवं आजीविका के लिए डेयरी - किसानों और पशुपालकों की आय पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह रोजगार सृजन और पोषण पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जो काफी प्रासंगिक मुद्दे हैं।
उन्होंने कहा कि पशुपालन में लगे ज्यादातर लोग इसे पारंपरिक व्यवसाय के रूप में अपना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस व्यवसाय को प्रौद्योगिकी और आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़कर पशुपालकों की आय को कई गुना बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन पशुपालकों और किसानों के कारण उत्तर प्रदेश और भारत शीर्ष दूध उत्पादक बन गए हैं।’’
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज संगठित क्षेत्र में 110 डेयरी काम कर रही हैं और इसमें सहकारी क्षेत्र की डेयरियां भी शामिल हैं।
आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 8,600 दुग्ध समितियां भी हैं, जिनके जरिये दूध उत्पादन में लगे चार लाख से अधिक सदस्य सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस समय उत्तर प्रदेश में नए ग्रीनफील्ड डेयरी संयंत्र शुरू करने के लिए काम तेजी से चल रहा है। ये संयंत्र अगले एक से दो साल में चालू हो जाएंगे। मैं राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से उत्तर प्रदेश को मदद देने और अवसरों का लाभ उठाने का अनुरोध करूंगा।’’
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 41,000 से अधिक सदस्यों वाले महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) बालिनी दुग्ध उत्पादक कंपनी की तारीफ की, जो बुंदेलखंड क्षेत्र के छह जिलों के 795 गांवों से प्रतिदिन 1.35 लाख लीटर दूध का संग्रह करती है। बालिनी की स्थापना 2019 में झांसी में हुई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं के नेतृत्व वाले इस एसएचजी का वार्षिक कारोबार अब 150 करोड़ रुपये से अधिक है और शुद्ध लाभ 13 करोड़ रुपये है। बालिनी दुग्ध उत्पादक, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लिए एक अनुकरणीय मॉडल है।''
आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसी ही चार और दुग्ध उत्पादक संस्थाओं की स्थापना करने के लिए काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगले पांच वर्षों के दौरान नंद बाबा दूध मिशन के तहत राज्य में निवेश करेगी।
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