लखनऊ, 11 जनवरी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के चौथे दिन मंगलवार को सत्तारूढ़ भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) को राज्य के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से बड़ा झटका लगा है।
मौर्य के इस्तीफे के बाद उनके करीबी माने जाने वाले तीन अन्य विधायकों ने भी भाजपा से इस्तीफा दिया और मौर्य का साथ निभाने का दावा किया। गौरतलब है कि मौर्य ने अपने इस्तीफे के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि अगले एक-दो दिनों में और विधायक भाजपा का साथ छोड़ेंगे।
मंत्री से इस्तीफे के बाद मंगलवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूर्व मंत्री के साथ अपनी एक तस्वीर ट्विटर पर साझा कर उनका सपा में स्वागत किया।
हालांकि, मौर्य की बेटी और भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने बदायूं में पत्रकारों से कहा कि उनके पिता सपा ही नहीं, फिलहाल किसी दल में शामिल नहीं हुए हैं, वह अगले दो दिनों में आगे की रणनीति पर फैसला लेंगे।
राज्यपाल को संबोधित त्यागपत्र में मौर्य ने लिखा है, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहते हुए पूरे मनोयोग से उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है। दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों के प्रति घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।’’
इस्तीफा के बाद मौर्य ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘भाजपा नीत सरकार ने बहुतों को झटका दिया है, अगर मैं मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर उसे झटका दे रहा हूं तो इसमें नया क्या है?’’ भाजपा छोड़ने की वजह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैंने राज्यपाल को भेजे पत्र में उन सभी कारणों का उल्लेख किया है जिनकी वजह से भाजपा और मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं।’’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के जिस नेता ने मुझसे बातचीत की उनसे मैंने ससम्मान बातचीत की। मैंने आज सुबह उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और बंसल (सुनील बंसल, प्रदेश महामंत्री संगठन) से बात की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी नाराजगी स्वाभाविक है, पार्टी के उपेक्षात्मक रवैये के कारण यह निर्णय लेना पड़ा है और मुझे इसका दुख नहीं है। नाराजगी की वजह जहां बतानी थी, बता दिया।’’
इस्तीफे से भाजपा पर असर के संबंध में सवाल करने पर मौर्य ने कहा, ‘‘मेरे इस्तीफे का असर 2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद आपको नजर आएगा। 10 मार्च को जो भी होगा, आपके सामने होगा।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘उत्तर प्रदेश की राजनीति स्वामी प्रसाद मौर्य के चारों ओर घूमती है। जिन नेताओं को घमंड है कि वो बहुत बड़े तोप हैं, तो 2022 के चुनाव में मैं ऐसा दागूंगा, ऐसा दागूंगा कि भाजपा के नेता स्वाहा हो जाएंगे।''
बेटा-बेटी को सपा से टिकट मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘बात बेटा-बेटी की नहीं, विचारधारा की है। मैं (डॉक्टर भीम राव) आंबेडकर की विचारधारा का हूं और पांच साल तक पीड़ा में भाजपा में कठिन परिस्थितियों में काम किया।’’
मौर्य के इस्तीफे के बाद बांदा जिले के तिंदवारी विधानसभा सीट से विधायक बृजेश कुमार प्रजापति, शाहजहांपुर जिले के तिलहर विधानसभा सीट से विधायक रोशन लाल वर्मा तथा कानपुर देहात के बिल्हौर सीट से विधायक भगवती सागर ने भी आज भाजपा से इस्तीफा दे दिया।
माना जाता है कि तीनों मौर्य के करीबी हैं और उनके साथ खड़े रहेंगे।
तिंदवारी विधायक बृजेश कुमार प्रजापति के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) मनोज कुमार ने मंगलवार को 'पीटीआई-' को बताया, "तिंदवारी विधायक बृजेश प्रजापति ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से आज इस्तीफा दे दिया है।"
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