नोएडा, 24 दिसंबर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने निवेश, कानून और व्यवस्था के मामले में उत्तर प्रदेश में हो रहे आमूल चूल बदलाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रविवार को प्रशंसा की. ग्रेटर नोएडा में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने जिस तरह से विकास और औद्योगिक विकास के प्रति कार्य किया है उससे उत्तर प्रदेश ‘आदर्शों का आदर्श’ बनने की स्थिति में पहुंचा गया है.
उन्होंने कहा, “जब योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो मैं आश्चर्यचकित रह गया क्योंकि कानून व्यवस्था और विकास दोनों ही राज्य के लिए चिंता की बड़ी बात नहीं थी.” उन्होंने कहा कि तब लोगों में निराशा थी क्योंकि सत्ता में बैठे लोग मुद्दों पर विचार करने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन अब एक बड़े बदलाव के साथ उत्तर प्रदेश "आदर्श” बन गया है. उपराष्ट्रपति ने कहा, "देश की बात छोड़िए दुनिया में कोई बात होती है ‘रोल मॉडल’ की तो मुख्यमंत्री को याद किया जाता है.”
धनखड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने निवेश प्राप्त करने में भी अपनी पहचान बनाई है. आदित्यनाथ, राज्य के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता, ब्रिजेश सिंह और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों की उपस्थिति में धनखड़ ने कहा, "यह प्रीमियम श्रेणी में भी निवेश के लिए एक पसंदीदा स्थान बन गया है. आम निवेशक पहले से ही यहां आ रहे थे." उपराष्ट्रपति बनने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल को याद करते हुए धनखड़ ने कहा कि वह उस राज्य में तीन दर्जन विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति थे.
उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि कुछ जगहों पर कुलाधिपति के साथ क्या हो सकता है. मुझे पंजाब विश्वविद्यालय जैसी कुछ जगहों पर भी सेवा करने का सौभाग्य भी मिला है." धनखड़ ने कहा, “लेकिन मैं कह सकता हूं कि यह दीक्षांत समारोह अद्वितीय है क्योंकि इसमें विकास, आत्मविश्वास और सभ्यतागत लोकाचार जैसे आयाम हैं जहां हमारी सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण रखने, शारीरिक रूप से फिट रहने की बात की गई है.”
धनखड़ ने आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री ने मेरे दिल का एक हिस्सा और मेरे संबोधन का एक हिस्सा चुरा लिया है.”
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सोचा था कि जब मुख्यमंत्री बोलेंगे तो वह एक राजनीतिक नेता की तरह बात करेंगे लेकिन उन्होंने एक "आध्यात्मिक नेता, शिक्षाविद्, राजनेता और दूरदर्शी व्यक्ति की तरह छात्रों से बात की.”
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