लखनऊ, 29 फरवरी उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कुछ वकीलों की बर्बरतापूर्ण पिटाई और झूठे मुकदमे में फंसाने के आरोप में छह उपनिरीक्षकों और एक सिपाही समेत 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बुधवार देर रात लखनऊ के विभूति खंड थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।
पुलिस ने शिकायतकर्ता के हवाले से बताया कि 23 फरवरी की रात अधिवक्ताओं का एक समूह विभूति खंड स्थित समिट बिल्डिंग के 'माई बार' में खाना खाने गया था, जहां रात लगभग 11 बजे दो पक्षों के बीच मारपीट हो गई।
शिकायकर्ता के मुताबिक, घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस टीम में उपनिरीक्षक राहुल बालियान समेत 10 से 12 अज्ञात पुलिसकर्मी शामिल थे, जिन्होंने बार का मुख्य दरवाजा बंद कर दिया हालांकि तब तक दोनों पक्षों के लोग वहां से भाग चुके थे।
शिकायत में बताया गया कि जब वकील भोजन करके बाहर जाने के लिए बार के द्वार की तरफ बढ़े तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया और गालियां देने लगे, जिसका विरोध करने पर पुलिस ने वकीलों की पिटाई कर दी।
शिकायतकर्ता के मुताबिक, पुलिस की पिटाई से एक अधिवक्ता का हाथ टूट गया तो एक की नाक की हड्डी टूट गई और एक अन्य वकील का सिर फट गया। साथ ही अन्य अधिवक्ताओं को भी गंभीर चोटें आई हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले में उपनिरीक्षक राहुल बालियान, जसीम रजा, प्रमोद कुमार सिंह, फूलचंद, रितेश दुबे और विनय गुप्ता और सिपाही ए.के. पांडे के खिलाफ नामजद तथा 10 से12 अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (उपद्रव करना), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 325 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना) और 504 (धमकाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
विभूति खंड के थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह के मुताबिक, इस मामले में अभियुक्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है हालांकि मामले की जांच की जा रही है।
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