लखनऊ, छह जुलाई उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि छह साल पहले उत्तर प्रदेश को ''प्रश्न प्रदेश'' के नाम से जाना जाता था, मगर भाजपा के शासन में आज इस राज्य के पास हर प्रश्न का उत्तर है।
योगी ने यहां कुल 1148 उपनिरीक्षकों तथा सहायक उपनिरीक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद अपने संबोधन में दावा किया कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को प्रश्न प्रदेश के नाम से जाना जाता था, लेकिन पिछले छह वर्षों के भाजपा के कार्यकाल के दौरान यह राज्य भारत के विकास इंजन के रूप में उभरा है और यह प्रश्न प्रदेश से उत्तर प्रदेश बन गया है।
उन्होंने 'उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड' द्वारा चयनित 217 उपनिरीक्षकों (गोपन), 587 सहायक उपनिरीक्षकों (लिपिक) एवं 344 सहायक उपनिरीक्षकों (लेखा) को नियुक्ति पत्र वितरित किये।
मुख्यमंत्री ने राज्य की बेहतर कानून-व्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि पिछले छह वर्षों में राज्य में एक भी दंगा नहीं हुआ है और राज्य से संगठित अपराध लगभग समाप्त हो गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब, राज्य में कोई आतंकवादी घटना नहीं होती है, हमने बिना किसी विवाद के एक सप्ताह के भीतर धार्मिक स्थलों से 1.20 लाख से अधिक लाउडस्पीकर हटा दिए।''
उन्होंने कहा, “पहले उत्तर प्रदेश में त्योहारों के दौरान दहशत का माहौल होता था लेकिन अब ऐसा नहीं है । सड़क पर नमाज नहीं तो हनुमान चालीसा भी नहीं। आम आदमी को किसी भी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करना पड़ रहा है।"
पिछली सरकारों के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ''पहले पुलिसकर्मी भी असुरक्षित थे। ये वही लखनऊ है जहां एक पुलिस उपाधीक्षक की लाश जीप के बोनट से लटकी मिली थी। आज कोई भी इस तरह के दुस्साहस से काम नहीं कर सकता क्योंकि वे परिणामों से अवगत हैं।’’
उन्होंने आगे कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान प्रदेश में अकेले पुलिस विभाग में 1.50 लाख से ज्यादा भर्तियां की गईं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)