लखनऊ: म्यूकोर्मिकोसिस यानी ब्लैक फंगस (Black Fungus) की वजह से पिछले 24 घंटों में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में छह और लोगों की जान चली गई जबकि 34 और रोगियों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. इसके साथ ही, ब्लैक फंगस से होने वाली मौतों की संख्या अबतक 13 तक पहुंच गई है, जबकि ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या 127 तक पहुंच गई है. सभी रोगियों को कोविड-19 (Covid-19) का संक्रमण था. White Fungus: ब्लैक फंगस के बाद अब देश में बढ़ रहा व्हाइट फंगस का खतरा- जानिए क्यों है ज्यादा खतरनाक
छह मृतकों में से चार का किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KJMU) में और दो का संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGIMS) में इलाज चल रहा था. केजीएमयू में मरने वाले लोग कोविड से ठीक हो गए थे. मेरठ की एक 38 वर्षीय, गोरखपुर की 62 वर्षीय और फैजाबाद की 65 वर्षीय की तीन महिलाएं थीं. चौथा पीड़ित कानपुर का 73 वर्षीय व्यक्ति था.
मेरठ की महिला को छोड़कर, जिसे कैंसर था, अन्य तीन मधुमेह रोगी थीं. इन सभी को कोविड के दौरान फेफड़ों में गंभीर संक्रमण था और उन्हें स्टेरॉयड दिया गया था. केजीएमयू के प्रवक्ता सुधीर सिंह ने कहा, ''सभी चार मरीजों को दूसरे जिलों के अस्पतालों से एडवांस स्टेज में रेफर किया गया था.''
एसजीपीजी आईएमएस अस्पताल में मरने वाले दो मरीज गोरखपुर और प्रयागराज के मूल निवासी थे. इस बीच, 34 नए मामलों में से 23 को केजीएमयू में, नौ को फैजाबाद रोड के एक निजी अस्पताल और दो को चौक के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वर्तमान में, शहर में 114 ब्लैक फंगस के रोगी हैं । इनमें से 65 केजीएमयू में, 14 एसजीपीजी आईएमएस में, आठ आरएमएल आईएमएस में और शेष दो निजी अस्पतालों में हैं.
ब्लैक फंगस के रोगियों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए केजीएमयू ने चिकित्सा विभाग में ब्लैक फंगस के रोगियों के लिए अलग से 30 बेड का वार्ड शुरू किया है. चिकित्सा विभाग के प्रमुख, प्रो वीरेंद्र अतम ने कहा कि सभी ब्लैक फंगस रोगियों का चिकित्सा विभाग में इलाज किया जा रहा है और यदि वृद्धि जारी रहती है तो और बेड जोड़े जाएंगे.