ईरान ने कहा कि उसे उम्मीद है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगायी गयी आर्थिक पाबंदी को जो बाइडन प्रशासन जल्द हटा लेगा। ईरान के खिलाफ दबाव बढ़ाने के लिए ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिका 2018 में समझौते से बाहर हो गया था।
ट्रंप ने समझौते से हटने के लिए ईरान द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम समेत अन्य मुद्दों को कारण बताया था। ट्रंप प्रशासन द्वारा पाबंदी बढ़ाए जाने पर ईरान ने भी समझौते के तहत तय सीमा से ज्यादा परमाणु कार्यक्रमों को शुरू कर दिया।
ईरान के मंत्रिमंडल के प्रवक्ता अली राबेई के बयान को ईरान द्वारा दबाव बढ़ाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। ईरान चाहता है कि उसके खिलाफ लगायी गयी पाबंदी खत्म हो और बाइडन प्रशासन जल्द से जल्द समझौते में फिर से शामिल हो जाए।
राबेई ने कहा, ‘‘अमेरिका के पास बहुत ज्यादा समय नहीं होगा। हम उनके रुख, पाबंदी हटाने के बारे में आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।’’
साथ ही उन्होंने कहा कि ईरान समझौते से आगे बढ़कर फरवरी में संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था द्वारा निरीक्षण पर भी पाबंदी लगा देगा।
ईरान की संसद ने दिसंबर में एक कानून को मंजूरी दी थी जिसके तहत तेल निर्यात और बैंकिंग लेन-देन पर पाबंदी खत्म नहीं होने पर फरवरी में निरीक्षण कार्य पर रोक लग जाएगी।
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