नयी दिल्ली, 27 जुलाई मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग को लेकर विपक्षी दलों के भारी हंगामे और शोरगुल के बाद बृहस्पतिवार को राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
सुबह उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद आसन की अनुमति से विदेश मंत्री एस जयशंकर विदेश नीति में नवीनतम घटनाकमों के संबंध में एक बयान देने लगे।
जयशंकर ने अभी बोलना शुरु ही किया था कि विपक्षी सदस्य मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान और इस पर सदन में चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। जयशंकर ने भारी हंगामे के बीच ही अपना बयान पूरा किया।
इस दौरान विपक्षी सदस्य ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ, मणिपुर पर चुप्पी तोड़ो, कुछ तो बोलो...’ जैसे नारे लगा रहे थे।
जयशंकर का बयान समाप्त होने के बाद सभापति ने सदस्यों से इस पर स्पष्टीकरण मांगने को कहा लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा।
सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस दौरान मोदी-मोदी के नारे लगाए तो विपक्षी सदस्यों ने ‘इंडिया-इंडिया’ के नारे लगाने शुरु कर दिए।
सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि इतने गंभीर विषय पर विपक्षी सदस्य राजनीति कर रहे हैं।
काले कपड़े पहनकर सदन में आने के लिए विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि काले कपड़े पहनने वाले लोगों को दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत का अंदाजा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘काले कपड़े पहनकर आने वालों का कल, आज और भविष्य भी काला है।’’
इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ नारेबाजी आरंभ कर दी।
सभापति ने बार बार सदन के सुचारू संचालन के लिए दोनों पक्षों से आग्रह किया। लेकिन अपनी अपील का कोई असर नहीं होता देख उन्होंने 11 बजकर 45 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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