नयी दिल्ली, 25 जुलाई मणिपुर हिंसा पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा शुरु कराने की मांग पर विपक्षी सदस्यों और राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा कराने की सत्ता पक्ष के सदस्यों की मांग को लेकर हुए हंगामे की वजह से मगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत चर्चा कराने कराने की मांग को लेकर कुल 51 नोटिस मिले हैं। उन्होंने बताया कि अधिकतर नोटिस मणिपुर की स्थिति पर है जबकि एक नोटिस ज्ञानव्यापी मस्जिद से संबंधित है।
नियम 267 के तहत नोटिस देने वाले सदस्य विपक्षी दलों के थे।
सभापति ने कहा कि उन्होंने मणिपुर हिंसा पर 20 जुलाई को नियम 176 के तहत मिले नोटिस स्वीकार कर लिए हैं और सरकार भी इस पर चर्चा को तैयार है।
उन्होंने कहा कि चूंकि नियम 176 के तहत मणिपुर पर चर्चा पर सहमति बन चुकी है और सरकार भी इसके लिए तैयार है, इसलिए वह नियम 267 के दिए गए नोटिस पर आगे नहीं बढ़ सकते हैं।
सभापति ने यह भी बताया कि उन्हें नियम 176 के तहत आज उन्हें तीन नोटिस मिले हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के किरोड़ी लाल मीणा और धनश्याम तिवाड़ी के नोटिस राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मुद्दे से संबंधित हैं जबकि तीसरा नोटिस छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे से जुड़े हैं।
इस पर सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुद्दों पर चर्चा को तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार इन मुद्दों पर गंभीर है क्योंकि ये संवेदनशील मुद्दे हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह विषय राजनीति से परे है।’’
इसी समय, कांग्रेस के सदस्य पी चिदंबरम ने कहा कि आज जो 51 नोटिस दिए गए हैं वह ताजा नोटिस है, इसलिए नियम 267 के तहत मिले नोटिस को स्वीकार कर मणिपुर पर चर्चा आरंभ करनी चाहिए।
सभापति धनखड़ इस दौरान कुछ बोलना चाह रहे थे तभी सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राजस्था और छत्तीसगढ़ में महिलाओं की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा शुरु कर दिया। विपक्षी सदस्य मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने को लेकर हंगामा कर रहे थे।
हंगामा बढ़ता देख धनखड़ ने 11 बजकर 19 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र अविनाश माधव
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