नोएडा (उप्र), 21 सितंबर : कोविड-19 महामारी के दौरान फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के नाम पर उनसे धोखाधड़ी करने के आरोप में दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उत्तर प्रदेश साइबर अपराध शाखा के पुलिस अधीक्षक प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने बताया कि नोएडा सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम थाने में गाजियाबाद निवासी एक महिला ने मामला दर्ज करवाया था.
उन्होंने बताया कि महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उसकी मां कोरोना वायरस से संक्रमित थीं और उनके इलाज के लिए उसने एक वेबसाइट के जरिए रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगवाने का आर्डर दिया तथा उसने इंजेक्शन के लिए राहुल नामक व्यक्ति के बैंक खाते में 1.15 लाख रुपये अंतरित किए. शिकायत के अनुसार राहुल ने पैसा लेने के बाद भी महिला को इंजेक्शन नहीं भेजा. यह भी पढ़ें : BMC ने लालबागचा राजा गणेशोत्सव मंडल पर ठोका 3.66 लाख रुपये का जुर्माना, गणेश उत्सव के दौरान सड़क पर बनाए 183 गड्ढे
उन्होंने बताया कि मामले की जांच कर रही साइबर अपराध थाने की प्रभारी निरीक्षक रीता यादव ने इस संबंध में गाजियाबाद निवासी मयंक खन्ना और राजनगर निवासी यश मेहता को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने कोरोना काल में एक गिरोह बनाया तथा अस्पताल में बेड व रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने के नाम पर जरूरतमंद लोगों से लाखों रूपये की ठगी की. उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.