नयी दिल्ली, 26 दिसंबर मुंबई स्थित रियल एस्टेट एवं इंजीनियरिंग अनुबंध कंपनी कल्पतरु ग्रुप ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी जिस समूह पर की गई उससे उसका कोई नाता नहीं है।
कल्पतरु ग्रुप ने कहा कि वह समूह उसके पहचान चिह्न (ट्रेडमार्क) और ‘ट्रेडनाम’ ‘‘कल्पतरु’’ का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा है।
बयान में कहा गया, कल्पतरु समूह का किसी भी ‘‘धोखाधड़ी’’ से संबंधी गतिविधियों या पोंजी योजनाओं से नाता नहीं है।
प्रवर्तन निदेशालय ने 19 दिसंबर को बयान जारी कर कहा, उसने ‘‘कल्पतरु ग्रुप ऑफ कंपनीज’’ के खिलाफ कथित पोंजी योजनाओं से जुड़े धन शोधन के मामले में उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर छापेमारी की और 1.02 करोड़ रुपये नकद जब्त किए।
कल्पतरु के प्रवक्ता ने बयान में कहा, ‘‘ हम धोखाधड़ी करने वाले समूह (उत्तर प्रदेश स्थित समूह) से किसी भी तरह के संबंध से स्पष्ट तौर पर इनकार करते हैं, जो हमारे ‘ट्रेडमार्क’ और ‘ट्रेडनाम’ कल्पतरु का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा है।’’
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ कल्पतरु हमारे स्वामित्व वाला विशेष रूप से पंजीकृत ‘ट्रेडमार्क’ तथा ‘ट्रेडनाम’ है, जिसे बंबई उच्च न्यायालय तथा ट्रेडमार्क पंजीयक द्वारा मान्यता मिली है। यह भारतीय कानूनों के तहत विधिवत संरक्षित है।’’
प्रवक्ता ने कहा कि कल्पतरु के ‘ट्रेडनाम’ और ‘ट्रेडमार्क’ का गलत तरीके से इस्तेमाल न केवल उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है, बल्कि ‘‘ भ्रम उत्पन्न करने वाला’’ भी है।
उन्होंने कहा कि समूह धोखेबाजों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
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