लखनऊ, 30 नवम्बर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कोविड-19 के मामलों में हाल में हुई बढ़ोतरी के बाद फिर से लॉकडाउन लगाए जाने की अटकलों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि निरुद्ध क्षेत्रों के बाहर केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह का लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता. राज्य के मुख्य सचिव आर.के. तिवारी (R.K. Tiwary) ने कोविड—19 के मद्देनजर सोमवार को दिशानिर्देश जारी किये. प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों,जिलाधिकारियों, जिला, क्षेत्रीय एवं परिक्षेत्रीय पुलिस प्रमुखों को भेजे गए ये निर्देश एक दिसंबर से अगले आदेशों तक लागू रहेंगे.
निर्देशों में तिवारी ने कहा, ''किसी भी राज्य, जिला अथवा नगर प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह का लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता. हालांकि कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से परिस्थितियों का आकलन करते हुए रात्रिकालीन कर्फ्यू जैसे स्थानीय प्रतिबंध लागू किए जा सकते हैं.'' उन्होंने यह भी कहा कि सामाजिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन करने के लिए धारा 144 का जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल किया जाए.
मुख्य सचिव ने कहा कि दफ्तरों में सामाजिक दूरी के मानकों का हर हाल में अनुपालन किया जाए. कोविड-19 संक्रमण की 10 प्रतिशत से ज्यादा दर वाले जिलों में एक समय पर उपस्थित कार्मिकों की संख्या को कम रखने के लिये राज्य प्रशासन विचार करके निर्णय लेगा.
उन्होंने कहा, ''अंतरराज्यीय एवं राज्य के अंदर व्यक्तियों एवं माल के आवागमन पर कोई पाबंदी नहीं होगी. इसके अलावा पड़ोसी देशों के साथ की गई संधियों की शर्तों के अनुरूप सीमा पार परिवहन की इजाजत होगी. इसके लिए अलग से किसी तरह की अनुमति या परमिट लेने की जरूरत नहीं होगी.''
तिवारी ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में राज्य के कुछ इलाकों में कोविड-19 के मामले बढ़ने के संकेत मिले हैं. त्यौहारों और सर्दी के आगमन के साथ—साथ कुछ क्षेत्रों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही के मद्देनजर इस महामारी के फिर से बढ़ने की आशंका हो सकती है. इसे रोकने के लिए कार्य योजना को और सख्ती से लागू किए जाने, निरुद्ध क्षेत्रों की लगातार निगरानी करने और पूर्व में केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का और सख्ती से पालन किए जाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों तथा कार्य स्थलों पर मास्क ना पहनने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने के साथ—साथ अन्य प्रशासनिक कार्रवाई की जाए.
तिवारी ने कहा कि निरुद्ध क्षेत्रों में सिर्फ जरूरी गतिविधियां ही हों तथा चिकित्सकीय आपातकालीन सुविधाओं, आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के अलावा अन्य सभी प्रकार के आवागमन को नियंत्रित करने के लिए सख्त मानक अपनाए जाएं.
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