प्रतापगढ़, 26 अगस्त उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की एक अदालत ने मंदबुद्धि युवती के साथ दुष्कर्म के छह वर्ष पुराने मामले में आरोपी युवक को दोषी करार देते हुए उसे 10 साल के कारावास और एक लाख रुपये के मुआवजे की सजा सुनाई।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) अनिल मिश्रा ने शनिवार को बताया कि अपर जिला सत्र न्यायाधीश (त्वरित अदालत) सुनीता सिंह नागौर की अदालत ने दुष्कर्म के मुकदमे की सुनवाई करते हुए दोष सिद्ध होने पर आरोपी विकास वर्मा को दस साल के कारावास और एक लाख के मुआवजे की सजा सुनाई।
एडीजीसी ने कहा कि पीडि़ता के पिता ने सांगीपुर थाने में दर्ज कराई गई तहरीर में आरोप लगाया कि 24 सितंबर 2017 को सुबह साढ़े छह बजे उसकी मंद्बुद्धि बेटी (20) शौच के लिए खेत क़ी तरफ गई थी, तभी विकास (23) उसे पकड़ कर एकांत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि बेटी द्वारा घटना की जानकारी देने पर जब वह शिकायत लेकर आरोपी के घर गया, तो उसके परिजन मनोज और रंगीला देवी ने अपशब्दों कहते हुए मारपीट की और धमकी दी।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर विकास के खिलाफ दुष्कर्म और मनोज व रंगीला के विरुद्ध अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
एडीजीसी ने बताया कि अदालत ने शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी विकास को दोषी करार देते हुए उसे दस वर्ष के कारावास और एक लाख रुपये के अर्थदंड की सज़ा सुनाई, जबकि मनोज और रंगीला को छह-छह माह की परिवीक्षा पर मुक्त कर दिया।
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