जयपुर, 10 अप्रैल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का फोन टैपिंग मामले में नौकरशाहों को गिरफ्तार करने वाला बयान उनकी बौखलाहट को दर्शाता है।
शेखावत ने एक अखबार को दिये साक्षात्कार में कथित तौर पर कहा था, ‘‘मुख्यमंत्री के इशारे पर फोन टैपिंग कराने वाले प्रार्थना करें कि मेरा वक्त न आए, यदि आया तो पांच आईएएस-आईपीएस को जेल कराऊंगा।’’
वह जुलाई 2020 में राज्य में कथित तौर पर ‘‘सरकार गिराने’’ के बारे में टेलीफोन पर हुई बातचीत को रिकॉर्ड किए जाने का जिक्र कर रहे थे, जिसके बाद राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा एसओजी द्वारा एक मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में शेखावत को आवाज का नमूना देने के लिये कहा गया था। हालांकि, दर्ज प्राथमिकी में यह उल्लेख नहीं था कि ऑडियो क्लिप में जिस गजेन्द्र सिंह का जिक्र किया गया था वह केन्द्रीय मंत्री शेखावत थे।
गहलोत ने कहा, ‘‘गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा राजस्थान के आईएएस-आईपीएस अधिकारियों को गिरफ्तारी की धमकी देना उनकी बौखलाहट दिखा रहा है। अपनी छवि चमकाने के लिए पहले उन्होंने राजनीति से संन्यास का दावा कर दिया परन्तु उनका झूठ पकड़ा जाने के कारण क्षतिपूर्ति के लिए वो इस तरह की बातें कर रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘‘उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि जनता के सामने उनका असली चेहरा पहले से ही बेनकाब हो चुका है इसलिए अभी तक अपनी आवाज का नमूना देने में भी आनाकानी कर रहे हैं।’’
राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत व राज्य के जलदाय मंत्री महेश जोशी आमने सामने आ गए थे।
एक कार्यक्रम में जब जोशी ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे की याद दिलाई तो शेखावत ने उन्हें टोकते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अजमेर की तब की सभा में इस बारे में एक भी शब्द नहीं बोला था।
शेखावत ने यहां तक कहा, ''अगर प्रधानमंत्री ने अजमेर की बैठक में एक भी शब्द बोला हो तो या तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या आप और आपके मुख्यमंत्री छोड़ दें।''
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