देश की खबरें | केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'मिशन मौसम' को मंजूरी दी

नयी दिल्ली, 11 सितंबर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘‘मिशन मौसम’’ को मंजूरी दे दी। इस मिशन का उद्देश्य मौसम की चरम घटनाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अनुमान लगाने और उनसे निपटने की देश की क्षमता को बढ़ाना है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘‘मिशन मौसम’’ को मंजूरी देने का फैसला किया।

दो वर्षों के लिए 2,000 करोड़ रुपये के बजट वाले इस मिशन को मुख्य रूप से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत तीन प्रमुख संस्थानों - भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र द्वारा कार्यान्वित किया जायेगा।

इस मिशन के अंतर्गत भारत के मौसम और जलवायु-संबंधी विज्ञान, अनुसंधान एवं सेवाओं को जबरदस्त प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए एक बहुआयामी और परिवर्तनकारी पहल होने की परिकल्पना की गई है। इसमें मानसून, वायु गुणवत्ता, मौसम की चरम घटनाओं, चक्रवातों और कोहरे, ओलावृष्टि और बारिश के प्रबंधन के लिए मौसम संबंधी उपाय, क्षमता निर्माण और जागरूकता पैदा करना जानकारी शामिल है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बयान में कहा कि ‘मिशन मौसम’ के महत्वपूर्ण तत्वों में उन्नत सेंसर और उच्च प्रदर्शन वाले सुपर कंप्यूटर के साथ अगली पीढ़ी के रडार और उपग्रह प्रणालियों की तैनाती, बेहतर पृथ्वी प्रणाली मॉडल का विकास और वास्तविक समय डेटा प्रसार के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस)-आधारित स्वचालित निर्णय समर्थन प्रणाली शामिल होगी।

इस मिशन से कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, विमानन, ऊर्जा, जल संसाधन और पर्यटन समेत कई क्षेत्रों को लाभ होगा।

इससे शहरी नियोजन, परिवहन और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में निर्णय लेने की क्षमता में भी सुधार आएगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कहा कि बहुआयामी और परिवर्तनकारी पहल से भारत के मौसम और जलवायु संबंधी विज्ञान, अनुसंधान और सेवाओं को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।

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