श्रम विभाग ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच नियोक्ताओं ने सितंबर महीने में केवल 6,61,000 नये रोजगार जोड़े। इससे पहले अगस्त में 15 लाख और जुलाई में 18 लाख लोगों को रोजगार मिले थे।
बेरोजगारी दर घटकर 8.4 प्रतिशत से 7.9 प्रतिशत पर आ गयी है। लेकिन आंकड़ों में आई इस कमी के पीछे यह देखा जा रहा है कि नियुक्ति में वृद्धि के बजाए नौकरी चाहने वाले लोगों की संख्या कम हुई है। सरकार उन लोगों को बेरोजगार नहीं मानती, जो सक्रियता से रोजगार नहीं तलाशते।
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मेट लाइफ इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट के अर्थशास्त्री ड्रियू मैतस ने कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि रोजगार के मोर्चे पर गति कम हुई है जो चिंताजनक है। ‘‘नियोक्ताओं की बात की जाए तो वे काफी सतर्कता बरत रहे हैं।’’
कोरोना वायरस महामारी के कारण 2.2 करोड़ लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा। सितंबर में नियुक्ति के साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है।
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अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी के कारण 2,00,000 लोगों की मौत हुई जबकि 70 लाख से अधिक अमेरिकी इससे संक्रमित हुए।
कई कंपनियां और ग्राहक कोरोना संकट को लेकर चिंतित है और अनिश्चितता की स्थिति में हैं। ऐसे में अर्थशास्त्रियों का कहना है कि रोजगार बाजार के पूरी तरह से 2023 तक ही पटरी पर लौट पाने का अनुमान है।
एपी
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