Cashless Treatment For Accident Victims: देश में अब सड़क हादसे में घायलों को मिलेगा ₹1.5 लाख तक कैशलेस इलाज, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की बड़ी घोषणा; VIDEO
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Cashless Treatment For Accident Victims:  केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को कहा कि सरकार देशभर में सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए ‘कैशलेस’ या नकदी-रहित इलाज प्रदान करने के लिए मार्च तक एक संशोधित योजना लाएगी। इसके तहत प्रति दुर्घटना प्रति व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक ‘कैशलेस’ इलाज की सुविधा मिलेगी.

सड़क हादसे में घायल को मिलेगा ₹ 1.5 लाख तक कैशलेस इलाज

गडकरी ने कहा कि यह योजना किसी भी श्रेणी की सड़क पर मोटर वाहनों के कारण होने वाली सभी सड़क दुर्घटनाओं पर लागू होगी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए), पुलिस, अस्पताल और राज्य स्वास्थ्य एजेंसी आदि के समन्वय से कार्यक्रम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी होगी. कार्यक्रम को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ईडीएआर) एप्लिकेशन और एनएचए की लेनदेन प्रबंधन प्रणाली की कार्यक्षमता को मिलाकर एक आईटी मंच के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा. यह भी पढ़े; Ramgarh Road Accidents: झारखंड के रामगढ़ में भीषण सड़क हादसे में तीन स्कूली बच्चों सहित चार की मौत, आठ घायल

सड़क हादसे में घायल के इलाज को लेकर नितिन गडकरी की बड़ी घोषण

सात दिन तक पीड़ित करा सकेंगे इलाज

गडकरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पायलट कार्यक्रम की व्यापक रूपरेखा के अनुसार पीड़ित दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिन की अवधि के लिए प्रति व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक ‘कैशलेस’ उपचार के हकदार हैं. सरकार इस साल मार्च तक एक संशोधित योजना लेकर आएगी.

उल्लेखनीय है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 14 मार्च, 2024 को सड़क दुर्घटना पीड़ितों को ‘कैशलेस’ उपचार प्रदान करने के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया था.

चंडीगढ़ में शुरू किए गए पायलट कार्यक्रम का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समय पर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए एक परिवेश तैयार करना था. पायलट परियोजना को बाद में छह राज्यों तक बढ़ाया गया.

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार पायलटों की तर्ज पर वाणिज्यिक चालकों के लिए काम के घंटे तय करने की नीति बनाने के लिए श्रम कानूनों का अध्ययन कर रही है, क्योंकि चालकों की थकान के कारण भीषण सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि देश में 22 लाख चालकों की कमी है.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश के सड़क परिवहन क्षेत्र में परिवर्तन लाने में मदद के लिए मुद्दों, समाधानों और उठाए जाने वाले अगले कदमों पर समग्र रूप से विचार-विमर्श करने के लिए छह और सात जनवरी, 2025 को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला के दौरान वाहन को कबाड़ में बदलने की नीति के कार्यान्वयन में तेजी लाने, पूरे भारत में पीयूसीसी (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र) 2.0 को अपनाने, बीएस-सात मानदंडों को लागू करने की समयसीमा के साथ-साथ प्रदूषण में अपेक्षित कमी पर चर्चा की गई.

गडकरी ने देशभर में चालक प्रशिक्षण संस्थानों (डीटीआई) की स्थापना के लिए योजना भी शुरू की. इसके तहत चालक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन और एटीएस (स्वचालित प्रशिक्षण स्टेशन) और डीटीआई के एकीकृत बुनियादी ढांचे के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है. मंत्री ने देशभर में ई-रिक्शा के प्रसार को देखते हुए ई-रिक्शा सुरक्षा में सुधार को विशिष्ट नियमों और दिशानिर्देशों की शुरुआत की भी बात कही।

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