नयी दिल्ली, 15 दिसंबर : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने शुक्रवार को राज्यसभा को बताया कि ‘रेल कौशल विकास योजना’ के तहत नवंबर 2023 तक कुशल हो चुके 26,000 से अधिक उम्मीदवारों को भारतीय रेलवे की नौकरियों में कोई प्राथमिकता नहीं दी जाएगी. वैष्णव ने कहा कि यह योजना सितंबर 2021 में शुरू की गई थी और इसके तहत नवंबर 2023 तक 26,791 उम्मीदवारों ने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य नारायण कोरगप्पा की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने उक्त जानकारी दी.
उनसे पूछा गया था कि क्या रेलवे में रोजगार के लिए उपरोक्त प्रशिक्षित युवाओं को कोई प्राथमिकता दी जाती है? जवाब में वैष्णव ने कहा, ‘‘नहीं, सर. इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसी व्यक्ति के कौशल को बढ़ाना है ताकि वह नौकरी प्राप्त कर सके या अपना स्टार्ट-अप या उद्यमिता शुरू कर सके.’’ उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे ने 18 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के उम्मीदवारों को सशक्त बनाने के लिए ‘रेल कौशल विकास योजना’ शुरू की है, जिसमें उन्हें विभिन्न प्रशिक्षण स्थानों पर प्रासंगिक तकनीकी विधाओं (ट्रेड) में प्रवेश स्तर का कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. यह भी पढ़ें : UP: समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप अध्ययन बढ़ाएं संस्थान- मुख्यमंत्री योगी
उन्होंने कहा, ‘‘सफल उम्मीदवारों को आवंटित ट्रेड में कौशल विकास प्रशिक्षण पूरा करने के लिए प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाता है. विभिन्न व्यवसायों में बेरोजगार युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देने का उद्देश्य उनकी रोजगार क्षमता और उद्यमिता को बढ़ाना है.’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह योजना ‘प्रशिक्षित उम्मीदवारों को रोजगार या स्व-रोजगार प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाएगी’. वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे उम्मीदवारों के राज्यवार आंकड़े नहीं रखता है.