रांची, 20 फरवरी झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने राज्य सरकार की ‘अबुआ आवास योजना’ के तहत जरूरतमंद लोगों को नौ लाख मकान तीन महीने बाद उपलब्ध कराये जाने की मंगलवार को घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने पेंशन योजना के लिए महिलाओं और अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति की उन लोगों से आवेदन लेना शुरू कर दिया है जिनकी उम्र 50 साल हो चुकी है।
झारखंड मंत्रिमंडल ने 50 साल की आयु की हो चुकीं सभी महिलाओं, आदिवासियों और दलितों को वृद्धावस्था पेंशन योजना में शामिल करने के प्रस्ताव को पिछले महीने मंजूरी दी थी। करीब 18 लाख लोग सरकार के इस फैसले से लाभान्वित होंगे।
सोरेन गिरिडीह, धनबाद और बोकारो जिलों के आवास योजना के लाभार्थियों के बीच मंजूरी पत्रों और पहली किश्त के वितरण के मौके पर गिरिडीह स्टेडियम में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
एक अधिकारी के मुताबिक, इस योजना के तहत इन तीन जिलों में 3.54 लाख लाभार्थियों की पहचान की गयी हैं जिन्हें आगामी वर्षों में मकान उपलब्ध कराये जाएंगे।
योजना के पहले चरण के लिए इन तीन जिलों से 35,441 से अधिक लाभार्थियों का चयन किया गया है। मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों के बैंक खातों में योजना की पहली किश्त के तौर पर 106.32 करोड़ रुपये भेजे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्राथमिकता सूची में अनियमितताओं की शिकायतें मिली हैं। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि चिंता की कोई बात नहीं है। हम तीन महीने बाद नौ लाख अबुआ आवास उपलब्ध कराएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड में ऐसे आठ लाख लोगों की सूची थी जो आवास से वंचित थे। जब केंद्र से आवास के लिए गुहार लगायी गयी तो उसने इनकार कर दिया। तब, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वंचित एवं जरूरतमंद लोगों को राज्य निधि से आवास उपलब्ध कराने का फैसला किया और अबुआ आवास योजना शुरू की।’’
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