नयी दिल्ली, 11 अगस्त छह खिलाड़ियों के कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने के बाद भारतीय पुरुष हॉकी खिलाड़ियों के बेंगलुरू में होने वाले आगामी ट्रेनिंग शिविर का आयोजन अनिश्चित लग रहा है लेकिन इस घातक वायरस के लिए सभी खिलाड़ियों के नेगेटिव पाए जाने के बाद महिला टीम अभ्यास शुरू कर सकती है।
बीस अगस्त से शुरू हो रहे राष्ट्रीय शिविर के लिए बेंगलुरू पहुंचने पर पिछले हफ्ते भारतीय टीम के छह खिलाड़ियों को कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया था। इन छह खिलाड़ियों में कप्तान मनप्रीत सिंह, स्ट्राइकर मनदीप सिंह, डिफेंडर सुरेंदर कुमार और जसकरण सिंह, ड्रैगफ्लिकर वरूण कुमार और गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक शामिल हैं।
इनमें से मनदीप को सोमवार को खून में आक्सीजन का स्तर कम होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
साइ के सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘छह पॉजिटिव नतीजों के बाद पुरुष शिविर को लेकर अनिश्चितता है। राज्य सरकार से और रिपोर्ट का इंतजार है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सभी खिलाड़ियों के नेगेटिव पाए जाने के बाद महिला शिविर आयोजित किए जाने की पूरी संभावना है। खिलाड़ी अभी 14 दिन के पृथकवास से गुजर रही हैं और इसके खत्म होने के बाद शिविर शुरू होगा जिसमें हल्का अभ्यास किया जाएगा।’’
अभी शिविर के लिए 33 पुरुष और 24 महिला खिलाड़ी बेंगलुरू में मौजूद हैं।
पॉजिटिव पाए गए छह पुरुष खिलाड़ियों में से अधिकतर खिलाड़ी पंजाब के हैं और ये उस 10 सदस्यीय समूह का हिस्सा थे जिन्होंने नयी दिल्ली से एक साथ यात्रा की थी।
सूत्रों के अनुसार पुरुष खिलाड़ियों में संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो सकता है क्योंकि अभी सभी खिलाड़ियों के परीक्षण के नतीजे नहीं आए हैं।
एक महीने के ब्रेक के बाद राष्ट्रीय शिविर की शुरुआत अगस्त के अंतिम हफ्ते में शुरू होने की संभावना थी और इसके 30 सितंबर तक जारी रहने की उम्मीद थी।
पता चला है कि भारतीय खेल प्राधिकण (साइ) ने हॉकी इंडिया के आग्रह के बाद शिविर को स्वीकृति दी थी।
साइ के एक सूत्र ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिविर बहाल करना सिर्फ साइ का फैसला नहीं था। प्रत्येक राष्ट्रीय खेल महासंघ से प्रतिक्रिया और जानकारी लेने के बाद हमने फैसला किया क्योंकि वे हमारी तुलना में चीजों से बेहतर वाकिफ थे। हमने सिर्फ अपने बुनियादी ढांचे को खोलने को लेकर उन समर्थन किया।’’
इस तरह की भी खबरें हैं कि पुरुष टीम के खिलाड़ियों ने ब्रेक के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों का पालन उतनी कड़ाई से नहीं किया जितनी कड़ाई से किया जाना चाहिए था।
विश्व कप में एकमात्र खिताब जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान रहे अजित पाल सिंह ने एक साथ यात्रा करने के लिए पंजाब के खिलाड़ियों की आलोचना की और साथ ही कहा कि गलती हॉकी इंडिया भी थी जिसे ब्रेक के दौरान अपने खिलाड़ियों पर नजर रखनी चाहिए थी।
अजित पाल ने पीटीआई से कहा, ‘‘पुरुष टीम के खिलाड़ियों को अधिक जिम्मेदार होना चाहिए था। वे राष्ट्रीय आइकन हैं और उन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए सही उदाहरण पेश करना चाहिए था। अगर उनके लिए पृथकवास के नियमों का पालन करना जरूरी था तो उन्हें इन नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महासंघ के अधिकारियों को भी कुछ जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी। उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए था कि खिलाड़ी घर में पृथकवास के नियमों का पालन करें। लड़कियों को देखिए, वे सभी नेगेटिव आई हैं जो दर्शाता है कि वे अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में अधिक जिम्मेदार और अनुशासित थीं।’’
अजित पाल ने इस समय ट्रेनिंग शिविर बहाल करने की जरूरत पर भी सवाल उठाया क्योंकि भारतीय नवंबर में ढाका में पुरुष एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी के अलावा किसी अन्य बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेना।
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