उन्होंने साथ ही चेतावनी दी कि नागरिकों और राजनीतिज्ञों पर कार्रवाई के बीच सेना द्वारा चुनाव कराये जाने की योजना से ‘‘अस्थिरता बढ़ने की आशंका है।’’
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव ने म्यांमा में सभी तरह की हिंसा की कड़ी निंदा की है और उनका कहना है कि हिंसा से देश में स्थिति और भी खराब होती है।
गौरतलब है कि सेना ने एक फरवरी, 2021 को आंग सान सू ची की चुनी हुई सरकार को बेदखल कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। सत्ता पर कब्जा किये जाने का लोगों ने व्यापक पैमाने पर विरोध किया था। इस दौरान सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए संघर्ष में लगभग 2,900 नागरिक मारे गए थे और हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने बताया कि गुतारेस राजनीतिक नेताओं, आम जनता और पत्रकारों की गिरफ्तारी और हिंसा की घटनाओं के बीच चुनाव कराने संबंधी सेना की योजना से चिंतित हैं।
दुजारिक ने कहा कि महासचिव ‘‘म्यांमा के लोगों के साथ खड़े हैं और एक समावेशी, शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण समाज और रोहिंग्या सहित सभी समुदायों की सुरक्षा के लिए उनकी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं का समर्थन करते हैं।’’
प्रवक्ता ने बताया कि गुतारेस ने 21 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा म्यांमा को लेकर अपनाए गए प्रस्ताव का स्वागत किया है, जिसमें इस देश में हिंसा को तत्काल समाप्त करने और सैन्य शासकों से सू ची सहित सभी ‘‘मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए’’ सभी लोगों को रिहा करने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बहाल करने का आग्रह किया है।
दुजारिक ने कहा कि महासचिव ने प्रस्ताव को ‘‘एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए अंतरराष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।’’
एपी
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