पुणे, 23 जून भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) दो साल पहले भाजपा से हाथ मिलना चाहती थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह समय महाराष्ट्र में सरकार गिराने या बदलने का नहीं है क्योंकि राज्य कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहा है।
पुणे में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि दो साल पहले शरद पवार नीत राकांपा, भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा बनना चाहती थी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह समय सरकार का मूल्यांकन करने का नहीं है। यह समय सवाल खड़े (कोविड-19 महामारी के दौरान प्रबंधन के संदर्भ में) करने का है, यह समय खामियों को बताने का है।
फडणवीस ने कहा, ‘‘लेकिन यह समय कमियों के आधार पर सरकार का मूल्यांकन करने का नहीं है। यह समय यह कहने का नहीं है कि मुख्यमंत्री बदलो या इस सरकार की जरूरत नहीं है।’’
यह भी पढ़े | कोरोना के मुंबई में 846 नए मरीज पाए गए, 42 की मौत: 23 जून 2020 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE.
उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी के नाते भाजपा शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा सरकार की कमियों को रेखांकित कर रही है।
फडणवीस ने कहा, ‘‘अभी यह जरूरी है कि इन कमियों को कैसे दूर किया जाए और कैसे सरकार के समक्ष इसे उठाया जाए, जो हम कर रहे हैं।’’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में कोई नया राजनीतिक समीकरण नहीं बन रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कोई नया समीकरण नहीं है। सरकार को बदलना या गिराना हमारे एजेंडे में नहीं है...सभी देख रहे हैं कि सरकार कैसे चल रही है और मुझे अलग से देखने की जरूरत नहीं है।’’
मराठी न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार के संबंध में पूछे गए सवाल पर फडणवीस ने कहा, राकंपा दो साल पहले भाजपा के साथ हाथ मिलाना चाहती थी जब मैं मुख्यमंत्री था।
उन्होंने कहा, ‘‘ वे दो साल पहले हमारे साथ आना चाहते थे। इस सबंध में बैठकें भी हुई थी, लेकिन हमारे वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट कर दिया था कि भाजपा, शिवसेना की सहमति के बिना ऐसा नहीं कर सकती है।’’
फडणवीस ने दावा किया, ‘‘ उन्होंने (भाजपा नेताओं ने) कहा कि हम कांग्रेस को अलग-थलग करना चाहते हैं, लेकिन हम शिवसेना का भी साथ चाहते हैं। अगर वे इसके लिए तैयार हैं तो हम (राकंपा के प्रस्ताव)आगे बढ़ने को तैयार हैं। चूंकि हमारे वरिष्ठ नेताओं का यह रुख था, बात काफी आगे बढ़ने के बावजूद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
नाटकीय तरीके से पिछले साल नवंबर में सुबह राकांपा नेता अजित पवार के उपमुख्यमंत्री और उनके मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के सवाल पर फडणवीस ने कहा कि वह इस पूरे घटनाक्रम पर किताब लिखने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने अपने साक्षात्कार में कहा कि मैं इस पूरे घटनाक्रम पर किताब लिखने जा रहा हूं। अगर मैं सभी बातें अभी कह दूंगा तो किताब की कोई मांग नहीं रह जाएगी।’’
उल्लेखनीय है पिछले साल शिवसेना ने गठबंधन तोड़कर कांग्रेस-रांकापा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)













QuickLY