देश की खबरें | दिल्ली में डेंगू से दो और लोगों की मौत की पुष्टि, मृतकों की संख्या सात हुई

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर दिल्ली में डेंगू के कारण दो और लोगों की मौत की सरकारी अधिकारियों द्वारा पुष्टि की गई, जिससे इस बीमारी से इस साल मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई। दिल्ली नगर निगम द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार इस साल डेंगू के कुल मामले बढ़कर 4,300 से अधिक हो गए हैं।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने 19 दिसंबर को कहा था कि एक समीक्षा पैनल द्वारा तब तक पांच लोगों की मौत की पुष्टि की गई। ये मौत सितंबर-नवंबर के दौरान हुई थीं।

हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले कहा था कि इस साल विभिन्न अस्पतालों से डेंगू संक्रमण और इसकी जटिलताओं के कारण मौत के सामने आये 37 मामलों को जांच के लिए डेंगू मृत्यु समीक्षा समिति को भेजा गया था।

सोमवार को एक नयी रिपोर्ट में, एमसीडी ने कहा कि 23 दिसंबर तक डेंगू के कुल 4,361 मामले सामने आए हैं, जिनमें 1 से 23 दिसंबर तक के 766 मामले शामिल हैं।

निगम की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में 16 से 23 दिसंबर के बीच डेंगू के करीब 250 मामले दर्ज किए गए, जिससे इस साल अब तक मच्छर जनित बीमारी के मामलों की संख्या 4,300 के आंकड़े को पार कर गई।

इस साल नवंबर में डेंगू के 1,420 मामले सामने आये थे, जबकि अक्टूबर में मामलों की संख्या 1,238 और सितंबर में 693 मामले सामने आये थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में डेंगू से 23 लोगों की मौत हुई थी।

वरिष्ठ अधिकारी ने 19 दिसंबर को कहा था कि अस्पतालों में दर्ज किये मौत के 37 मामलों में से, समीक्षा समिति ने 16 को “संदिग्ध मामले” घोषित किया था। उन्होंने कहा कि छह अन्य जिनकी मृत्यु हो गई थी, वे यकृत, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गुर्दे और हृदय संबंधी बीमारियों और अन्य पुरानी बीमारियों से ग्रस्त थे।

उन्होंने कहा था, “एक व्यक्ति जिसकी मृत्यु हो गयी थी, वह उत्तर प्रदेश के बदायूं से आया था। बाकी नौ की स्थिति लंबित है।”

गत 19 दिसंबर तक पांच मौत के मामलों की पुष्टि की गयी जिनमें सात वर्षीय एक लड़की शामिल थी। उसकी अक्टूबर में जनकपुरी के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। 16 दिसंबर तक डेंगू संक्रमण के मामलों की संख्या 4,114 थी।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में इस साल मलेरिया के 258 मामले और चिकनगुनिया के 47 मामले भी सामने आये हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में, दिल्ली में एक जनवरी से 23 दिसंबर की अवधि में डेंगू के 4,711 मामले सामने आये थे।

साल 2015 में, दिल्ली में डेंगू का व्यापक प्रकोप देखा गया था, तब अक्टूबर में मामलों की संख्या 10,600 के पार हो गई थी। 1996 के बाद से यह दिल्ली में डेंगू के प्रकोप की सबसे खराब स्थिति थी।

सोमवार को जारी एमसीडी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में जनवरी में डेंगू के 23 मामले, फरवरी में 16, मार्च में 22, अप्रैल में 20, मई में 30, जून में 32, जुलाई में 26 और अगस्त में 75 मामले सामने आये थे।

लार्वा जनित बीमारी - डेंगू और मलेरिया के मामले आमतौर पर जुलाई और नवंबर के बीच दर्ज किए जाते हैं, कभी-कभी ये दिसंबर के मध्य तक सामने आते रहते हैं।

एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, लार्वा जनित बीमारियों के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं, जो काफी हद तक कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं, जिसमें बुखार या ठंड लगना भी शामिल है।

पिछले साल, शहर में डेंगू के 9,613 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2015 के बाद सबसे अधिक थे, साथ ही डेंगू से 23 लोगों की मौत हो गयी थी जो 2016 के बाद से सबसे अधिक थीं।

रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में, दिल्ली में एक जनवरी से 23 दिसंबर की अवधि के दौरान डेंगू के 2,798 मामले सामने आए। 2019 में 1998, 2020 में 1062 और 2021 में 9,545 मामले आए थे। 2016 और 2017 में डेंगू के कारण दस-दस, 2018 में चार और 2019 में दो लोगों की मौत हो गयी थी।

आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में 2016 में 4,431 मामले, 2017 में 4,726, 2018 में 2,798, 2019 में 2,036 और 2020 में 1,072 डेंगू के मामले दर्ज किए गए थे।

एमसीडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल 23 दिसंबर तक 1,71,334 घरों में मच्छरों के लार्वा पाये गए। अधिकारियों ने मच्छर पैदा करने वाली स्थितियों के लिए 1,21,688 कानूनी नोटिस जारी किए हैं और अब तक 45,906 मामलों में अभियोजन शुरू किया गया है।

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