नयी दिल्ली, 16 मई खुद को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का उच्च पदस्थ कार्यकर्ता बताकर नेताओं, ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों समेत कई लोगों से करीब एक करोड़ रुपये ठगने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के एक पदाधिकारी ने इस सिलसिले में नौ मई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शिकायत के अनुसार कुछ लोगों ने खुद को दिल्ली में भाजपा मुख्यालय से संबंधित पार्टी कार्यकर्ता बताकर विभिन्न राज्यों में पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों को ठगने का काम किया था।
मध्य दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) संजय कुमार सैन ने कहा कि इस सिलसिले में एक मामला दर्ज किया गया है और जांच के दौरान आरोपियों के फोन नंबरों में से एक प्रवीण कुमार का पता लगाया गया, लेकिन उसका कोई विशिष्ट पता नहीं मिला।
डीसीपी सेन ने बताया कि फर्जी ठेकेदार बनकर एक पुलिस अधिकारी ने उस नंबर पर कॉल किया और प्रवीण कुमार से मिलने का समय तय किया, जिसके बाद उसे 11 मई को मयूर विहार से गिरफ्तार कर लिया गया।
डीसीपी ने कहा कि मयूर विहार फेज-3 के रहने वाले प्रवीण (19) ने खुलासा किया कि उसने पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न राजनेताओं को निशाना बनाया और पार्टी के लिए फंड मांगा तथा भाजपा केंद्रीय कार्यालय में उच्च पदों के लिए उनके नामों की सिफारिश करने का वादा किया।
डीसीपी ने कहा कि इसके एवज में उसने होटल बुकिंग, फ्लाइट टिकट और अन्य खर्चों के लिए पैसे जैसी सेवाएं मांगी और अंतत: उनसे लाखों रुपये की ठगी की।
उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत एक अन्य फोन नंबर उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी पीयूष कुमार श्रीवास्तव (34) का है, जिसे 13 मई को पकड़ा गया था।
डीसीपी ने कहा कि पीयूष खुद को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) बताता था और उसने 'भारतीय समावेशी विकास फाउंडेशन' नाम से एक गैर सरकारी संगठन पंजीकृत कराया था।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन, चार सिम कार्ड और एक लैपटॉप जब्त किया गया है।
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