चेन्नई, 22 जून : अन्नाद्रमुक के संयोजक ओ. पन्नीरसेल्वम बुधवार को इस तथ्य से खुद को अलग करते नजर आए कि 23 जून को होने वाली बैठक से पहले उनके और उनके समर्थकों के सामने मुश्किलें खड़ी की जा रही हैं. पार्टी की इस बैठक में एकल नेतृत्व के प्रश्न पर चर्चा होने की उम्मीद है. अन्नाद्रमुक की सामान्य एवं कार्यकारी परिषद की बैठक में संयुक्त संयोजक ई.के. पलानीस्वामी को पार्टी का सर्वोच्च नेता नियुक्त किये जाने की उम्मीद है, जिन्हें जबरदस्त समर्थन हासिल है. बैठक से पहले पन्नीरसेल्वम ने ट्वीट किया, ''एक बार फिर सत्य की जीत होगी.''
इस टिप्पणी से प्रतीत होता है कि पन्नीरसेल्वम इस तथ्य को मान रहे हैं कि फिलहाल उनके प्रतिद्वंद्वी पलानीस्वामी पार्टी में उनसे आगे हैं. पन्नीरसेल्वम ने यह संकेत भी दिया है कि वह पार्टी में अपनी सही स्थिति को फिर से हासिल करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे. अन्नाद्रमुक के सूत्रों ने संकेत दिया कि पन्नीरसेल्वम का खेमा जिन विकल्पों पर विचार कर रहा है, उनमें एक विकल्प सही समय पर निर्वाचन आयोग का रुख करके उससे इस मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध करना है. पन्नीरसेल्वम खेमा पहले ही बैठक की अनुमति न देने को लेकर पुलिस से संपर्क कर चुका है, लेकिन पुलिस ने उसके इस अनुरोध को ठुकरा दिया है. यह भी पढ़ें : अदालतों से व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामलों में जल्द आदेश पारित करने की उम्मीद की जाती है: न्यायालय
पन्नीरसेल्वम पार्टी के एक कार्यकर्ता और समर्थक के आत्मदाह के प्रयास को लेकर आक्रोशित हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं से इस तरह के गंभीर कदम न उठाने की अपील की है. उन्होंने एक लोकप्रिय तमिल वाक्यांश का हवाला दिया कि ''सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन अंतत: जीत उसी की होती है.'' अन्नाद्रमुक की बैठक में दर्जनों प्रस्ताव पारित होने की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि इन प्रस्तावों की मसौदा प्रतियां पन्नीरसेल्वम के खेमे को उपलब्ध कराई गई हैं. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें से किसी में नेतृत्व से संबंधित प्रश्न का जिक्र है या नहीं.