वाशिंगटन, 11 नवंबर अमेरिका में पिछले सप्ताह संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद ट्रंप प्रशासन द्वारा यहां के संघीय ऊर्जा नियामक के प्रमुख पद से हटाए गए भारतवंशी नील चटर्जी ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा का समर्थन करने की वजह से उन्हें पदावन्नत किया गया है।
उल्लेखनीय है कि ‘फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमीशन (एफईआरसी)ने पांच नवंबर को घोषणा की कि ट्रंप प्रशासन ने एजेंसी के अध्यक्ष पद से चटर्जी को हटाकर जेम्स डेनली की नियुक्ति की है।
यह भी पढ़े | Corona Update: दुनिया में कोविड-19 के मामले 5.13 करोड़ के पार : जॉन्स हॉपकिंस.
डेनली ने मार्च में आयुक्त बनने के बाद हाल में एफईआरसी के स्वच्छ ऊर्जा के समर्थन वाले आदेश का विरोध किया था।
समाचार चैनल सीएनएन के मुताबिक चटर्जी ने हाल में इलेक्ट्रिक वाहनों, छत पर सौर पैनल लगाने और स्वच्छ ऊर्जा उपायों जैसी नीति का समर्थन किया था, इसके उलट ट्रंप कोयले को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने का समर्थन करते हैं।
यह भी पढ़े | चीन के कोयला खदान में भीषण हादसा, 8 की मौत कई लोग घायल.
चटर्जी ने सीएनएन बिजनेस चैनल से कहा, ‘‘मुझे पता था कि इस रास्ते में बाधाएं हैं और ठोकर लग सकती है।’’
चटर्जी एफईआरसी से वर्ष 2017 को जुड़े और अगस्त से दिसंबर 2017 और अक्टूबर 2018 से पांच नवंबर 2020 तक इसके अध्यक्ष रहे। हालांकि, वह एफईआरसी आयुक्त बने रहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे इसकी उम्मीद थी लेकिन यह पदावन्नति उस विरोध का नतीजा है। अब मैं इस मामले में पूरी तरह से शांत हूं। मैंने सही किया और मुझे उस पर गर्व है। पिछली रात मैं शांति से सोया।’’
चटर्जी राजनीतिक नेतृत्व द्वारा नियुक्त शीर्ष अधिकारी हैं जिन्हें तीन नवंबर के चुनाव के बाद पद से हटाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह उल्लेखनीय है कि पद से हटाए जाने वाले व्यक्तियों में मैं पहला हूं।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)