मुंबई, 29 जनवरी बम्बई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को रिपब्लिक टीवी चैनलों को चलाने वाली कंपनी एआरजी आउटलायर मीडिया को निर्देश दिया कि वह उच्च न्यायालय में दायर टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) घोटाला मामले से जुड़ी अपनी याचिका से संबंधित लिखित दलीलें रखने संबंधी कागजी प्रक्रिया को नौ फरवरी तक पूरी कर ले।
न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और मनीष पिटाले की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के इस बयान को भी स्वीकार कर लिया कि मामले में सुनवाई की अगली तारीख 12 फरवरी तक पुलिस रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और एआरजी आउटलायर मीडिया के अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं करेगी।
गौरतलब है कि एआरजी आउटलायर मीडिया ने अपने कई निवेदनों के साथ पिछले साल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसमें उसने अदालत से अनुरोध किया था कि पुलिस को उनके कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से रोका जाए।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि मामले में पक्ष अंतिम समय में अतिरिक्त जवाब और हलफनामा दाखिल कर रहे थे, जिससे अदालत के लिए इस मामले से जुड़े ‘‘भारी भरकम’’ दस्तावेजों को पढ़ना मुश्किल हो गया।
पीठ ने कहा, "इस तरह से तो यह महीनों तक चलेगा। मिस्टर सिब्बल को हर बार यह बयान देना होगा। सभी कागजी प्रक्रियाओं को नौ फरवरी तक पूरा करना होगा।"
एआरजी मीडिया ने उच्च न्यायालय में कई अर्जियां और अंतरिम आवेदन दायर किए हैं, जिसमें मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को स्थानांतरित करने का आग्रह किया गया है।
याचिकाओं में अदालत से इस बीच, मामले में आगे की जांच और पुलिस को याचिकाकर्ताओं, उनके कर्मचारियों या निवेशकों के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई करने से रोकने का आग्रह किया गया है।
रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने कुछ चैनलों द्वारा टीआरपी में हेराफेरी करने के बारे में हंसा रिसर्च एजेंसी के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने कथित घोटाले की जांच शुरू की।
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