ताजा खबरें | आकाशवाणी पर क्रिकेट कमेंट्री की ‘दयनीय स्थिति’ पर तृणमूल सदस्य ने जताई चिंता

नयी दिल्ली, 10 फरवरी आकाशवाणी पर क्रिकेट कमेंटी की ‘दयनीय स्थिति’ पर चिंता जताते हुए राज्यसभा के एक सदस्य ने इसे विश्वस्तरीय बनाने के लिए प्रसिद्ध कमेंटेटर हर्ष भोगले के नेतृत्व में एक टीम बनाने सहित कई अन्य सुझाव दिए।

उच्च सदन में सोमवार को इस मुद्दे को उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के मोहम्मद नदीमुल हक ने कहा कि भारत में रेडियो पर क्रिकेट कमेंट्री की एक महान परंपरा रही है लेकिन यह सरकार उस परंपरा को खत्म कर रही है।

उन्होंने कहा कि रेडियो पर क्रिकेट की कमेंट्री करने वालों में बेरी सर्वाधिकारी, पियर्सन सुरिता, डिकी रत्नागर, अनंत शीतलवाड़, किशोर भिमानी और अन्य जैसे दिग्गज थे पर आज रेडियो पर क्रिकेट कमेंट्री की स्थिति इतनी ‘दयनीय’ क्यों है?

उन्होंने कहा कि हिंदी में सुशील दोषी और विनीत गर्ग और अंग्रेजी में सुनील गुप्ता और प्रकाश वाकणकर जैसे कुछ कमेंटेटर को छोड़ दें तो यह ‘उबाऊ’ है।

हक ने कहा कि आकाशवाणी के लिए अच्छी सामग्री बना कर और विश्वस्तरीय क्रिकेट कमेंट्री के जरिए अधिक संख्या में श्रेाताओं तक पहुंचने की बहुत बड़ी संभावना है।

उन्होंने कहा कि बीबीसी और एबीसी हमेशा सर्वश्रेष्ठ कमेंटेटर का उपयोग करते हैं।

तृणमूल सदस्य ने कहा कि आकाशवाणी भारत की राष्ट्रीय प्रसारक है और इसके 591 स्टेशन हैं जिनकी पहुंच 98 प्रतिशत आबादी तक हैं।

उन्होंने कहा कि इतनी व्यापक पहुंच की क्षमता के बावजूद आकाशवाणी के श्रोताओं की संख्या घट रही है जबकि ‘पॉडकास्ट’ बिजनेस की संख्या 17 करोड़ होने का अनुमान है।

उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी बीसीसीआई आकाशवाणी को रेडियो अधिकार नहीं देते...। वे आकाशवाणी को वंचित करते हैं ... बहुत बुरी स्थिति है। धन की कमी का हवाला देते हुए आकाशवाणी कमेंटेटरों को खेल आयोजन स्थलों पर नहीं भेजता है। इसके अलावा मीडियम वेब पर क्रिकेट कमेंट्री नहीं सुनी जा सकती, केवल एफएम रेडियो पर या ऐप ‘न्यूज़ऑनएयर’ के माध्यम से...। यह बेतुका है।’’

हक ने सुझाव दिया कि आकाशवाणी के श्रोता आधार को और बढ़ाने का तरीका यह है कि क्रिकेट कमेंट्री को विश्वस्तरीय बनाया जाए।

इसे हकीकत में बदलने के लिए उन्होंने तीन सुझाव दिए और इन्हें तत्काल क्रियान्वित करने की अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक के लिए समर्पित चैनल हों। आकाशवाणी कमेंटेटर के लिए चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना होगा। सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट कमेंटेटर का पूल बनाने के लिए एक निष्पक्ष और पेशेवर चयन प्रणाली आवश्यक है।’’

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