कोलकाता, 14 जुलाई : तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) का एक प्रतिनिधिमंडल कोविड-19 संबंधी हालात में सुधार के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में सात विधानसभा सीटों के लिये लंबित चुनाव और उपचुनाव कराने की मांग को लेकर निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से 15 जुलाई को मुलाकात करेगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी के हाथों विधानसभा चुनाव हार गई थीं. ऐसे में, उपचुनाव उनके लिए बहुत महत्व रखते हैं. संविधान के अनुसार यदि कोई व्यक्ति विधायक या सांसद नहीं है और वह मंत्रिपद पर आसीन होता है, तो उसके लिए छह महीने में विधानसभा या विधानपरिषद या संसद के दोनों सदनों में से किसी एक सदन का सदस्य बनना अनिवार्य है.
यदि मंत्री ऐसा नहीं कर पाता है, तो छह महीने बाद वह पद पर नहीं बना रह सकता. बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए चार नवंबर तक विधायक बनना होगा. राज्यसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर रे ने कहा, ‘‘हम सात विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव और लंबित चुनाव कराने की मांग के साथ दिल्ली में कल (बृहस्पतिवार को) निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. जब कोविड-19 चरम पर था, तब विधानसभा चुनाव आठ चरणों में किए गए थे, लेकिन अब हालात काफी सुधर गए हैं.’’ रे ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग उपचुनावों में देरी कर रहा है. क्या वह तीसरी लहर का इंतजार कर रहा है . हम चाहते हैं कि उपचुनाव जल्द से जल्द कराये जायें .’’ यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में एक भगोड़ा 15 साल बाद गिरफ्तार
दिनहाटा और शांतिपुर विधानसभा सीटें से विधायक बने भाजपा नेताओं निसिथ प्रामाणिक और जगन्नाथ सरकार ने इस्तीफा दे दिया था और सांसद बने रहने का फैसला किया था. प्रामाणिक को हाल में मंत्रिपरिषद विस्तार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में शामिल किया गया है. राज्य के मंत्री सोवनदेव चट्टोपाध्याय के इस्तीफे के बाद बनर्जी की परंपरागत सीट भवानीपुर खाली हो गई है. उन्होंने बनर्जी के इस सीट से विधानसभा में चुने जाने का रास्ता साफ करने के लिए इस्तीफा दे दिया था. तृकां प्रमुख ने अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम से चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया था, जिसके बाद पार्टी ने भवानीपुर से चट्टोपाध्याय को मैदान में उतारा था.
कोविड-19 के कारण तृणमूल नेताओं काजल सिन्हा और जयंत नस्कर के निधन के कारण उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में क्रमश: खरदाह और गोसाबा सीटों पर उपचुनाव अनिवार्य हो गया है. मुर्शिदाबाद में शमशेरगंज और जंगीपुर सीटों पर उम्मीदवारों की मौत के बाद चुनाव रद्द कर दिया गया था और बाद में कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. इस समय बनर्जी और वित्त मंत्री अमित मित्रा मंत्रालय के ऐसे दो सदस्य हैं, जो विधायक नहीं है. मित्रा ने अस्वस्थ होने के कारण पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की है, लेकिन बनर्जी को विधानसभा में प्रवेश करने के लिए उपचुनाव जीतना होगा. तृणमूल ने मई में 294 सदस्यीय विधानसभा में 213 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सरकार का गठन किया है.