देश की खबरें | तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने त्रिपुरा में कथित पुलिस हिंसा पर अमित शाह से मुलाकात की

नयी दिल्ली, 22 नवंबर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने त्रिपुरा में कथित पुलिस हिंसा के मुद्दे पर सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

गृह मंत्रालय के बाहर आज सुबह से धरने पर बैठे प्रतिनिधिमंडल को दोपहर बाद शाह से मुलाकात करने की अनुमति मिल गई।

टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, "हमने उन्हें (शाह) विस्तार से बताया कि कैसे नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है और सांसदों को पीटा जा रहा है। उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने कल त्रिपुरा के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की थी और हमें आश्वासन दिया कि वह राज्य से रिपोर्ट मांगेंगे।"

शाह से मिले प्रतिनिधिमंडल में सुखेंदु शेखर रॉय, शांतनु सेन, कल्याण बनर्जी, डेरेक ओब्रायन, माला रॉय, 11 अन्य सांसद शामिल थे।

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की योजना बना रही हैं।

टीएमसी प्रमुख ने दिल्ली रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, " अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान, मैं प्रधानमंत्री से मिलूंगी। राज्य से संबंधित विभिन्न मामलों के अलावा, मैं बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के साथ-साथ त्रिपुरा हिंसा से संबंधित मुद्दों को उठाऊंगी।"

बनर्जी ने कहा कि मानवाधिकार आयोग पूर्वोत्तर राज्य में ‘‘क्रूर बल’’ के इस्तेमाल पर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है।

उन्होंने कहा, "त्रिपुरा के मुख्यमंत्री (बिप्लब देब) और उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्देश की अवहेलना कर रही है। उन्हें आम लोगों को जवाब देना होगा। मैं उच्च न्यायपालिका से उनकी सरकार के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने की अपील करूंगी।"

त्रिपुरा पुलिस ने रविवार को घोष को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने शनिवार रात ‘‘खेला होबे’’ के नारे लगाकर राज्य के मुख्यमंत्री की एक बैठक को कथित रूप से बाधित कर दिया था।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा था कि घोष को अगरतला के एक थाने में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

उच्चतम न्यायालय ने हाल में त्रिपुरा पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार करने के लिए कानून के अनुसार अपने अधिकारों का उपयोग करने से रोका नहीं जाए।

टीएमसी बार-बार आरोप लगाती रही है कि उसके उम्मीदवारों को त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा के समर्थकों द्वारा प्रचार करने से रोका जा रहा है।

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