ट्रांसपोर्टरों ने कहा, राजमार्ग पर पथ कर चुकाने में असमर्थ
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नयी दिल्ली, 19 अप्रैल ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन एआईएमटीसी ने रविवार को कहा कि 85 प्रतिशत से अधिक ट्रांसपोर्टर नकदी की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे छोटे ट्रांसपोर्टर राजमार्गों पर पथ कर (टोल टैक्स) चुकाने में समर्थ नहीं होंगे।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने सरकार के सोमवार से राजमार्गों पर टोल टैक्स वसूली फिर शुरू करने के निर्णय का विरोध किया है। उसका कहना है कि इससे रबी की फसलों की खरीद प्रभावित होगी।

एआईएमटीसी ने सरकार से पथ कर की वसूली तीन मई तक रोकने का आग्रह किया है। यह संगठन देश के करीब 95 लाख ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्ट इकाइयों का प्रतिनिधित्व करता है।

कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन (बंद) किया गया है। इसके चलते 25 मार्च से राष्ट्रीय राजमार्गों पर चुंगी कर की वसूली बंद है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सोमवार से चुंगीकर की दोबारा वसूली शुरू करने की घोषणा की है। इसका ट्रांसपोर्टर विरोध कर रहे हैं।

एआईएमटीसी के अध्यक्ष कुलतरण सिंह अटवाल ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।

अटवाल ने कहा कि देशभर से मिली जानकारी के हिसाब से रबी फसलों की खरीद प्रभावित होगी क्योंकि 85 प्रतिशत से ज्यादा छोटे ट्रांसपोर्टरों की माली हालत खराब है। वह 20 अप्रैल से फिर शुरू हो रही टोल टैक्स वसूली का भार उठाने में असमर्थ हैं। इसलिए पथ कर की वसूली को कम से कम तीन मई तक टाल देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश में 85 प्रतिशत ट्रांसपोर्टरों के पास एक से पांच तक ट्रक हैं। इसमें से भी 65 प्रतिशत लोग ट्रक के खुद मालिक हैं।

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