नयी दिल्ली, 28 अगस्त दूरसंचार नियामक ट्राई ने अनचाही कॉल पर लगाम लगाने के लिए उद्योग से इस सुझाव पर राय मांगी है कि क्या एक तय सीमा से अधिक कॉल और एसएमएस के लिए एक उच्च शुल्क व्यवस्था लाई जानी चाहिए।
टेलीमार्केटिंग संचार के मानदंडों को कड़ा करने के उपायों पर जारी एक नए चर्चा पत्र में यह सुझाव दिया गया है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने ‘दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियमन, 2018 की समीक्षा’ पर जारी एक चर्चा पत्र में सुझाव दिया है कि 50 से अधिक कॉल करने वाले या प्रतिदिन 50 एसएमएस भेजने वाले दूरसंचार ग्राहकों की भी पड़ताल अनचाही कॉल करने वालों के रूप में की जानी चाहिए।
ट्राई ने कहा है कि गैर-पंजीकृत टेलीमार्केटिंग कंपनियों की तरफ से पी2पी (व्यक्ति-से-व्यक्ति) एसएमएस और वॉयस कॉल को हतोत्साहित करने और 2018 के कानून में बताए गए नियामकीय ढांचे को मजबूत करने के लिए पंजीकृत इकाई के अलावा अन्य व्यक्तियों द्वारा एक तय सीमा से अधिक प्रति सिम प्रति दिन एसएमएस और वॉयस कॉल के लिए शुल्क तय करने की जरूरत महसूस की गई है।
फिलहाल मोबाइल सेवा प्रदाता असीमित कॉल के साथ कई शुल्क प्लान मुहैया कराते हैं। नियामक को लगता है कि अलग-अलग शुल्क अपंजीकृत टेलीमार्केटर के लिए 10 अंक की संख्या का उपयोग करके वाणिज्यिक संचार करने को अव्यावहारिक बना सकते हैं।
ट्राई ने यह पाया है कि दंडात्मक कदमों के बावजूद 10 अंक के मोबाइल नंबरों से अनचाहे कॉल ‘ग्राहकों को परेशान और परेशान’ करते हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि सिर्फ 78,703 ग्राहक ही प्रति सिम प्रतिदिन 100 से अधिक वॉयस कॉल करते हैं जबकि 99.87 प्रतिशत ग्राहक प्रतिदिन 50 तक ही कॉल ही करते हैं।
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