चेन्नई, आठ जनवरी तमिलनाडु की द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार और राजभवन के बीच खींचतान की पृष्ठभूमि में विधानसभा का साल का पहला सत्र सोमवार को राज्यपाल के पारंपरिक अभिभाषण के साथ शुरू होगा।
विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों के लंबित रहने तथा वैचारिक एवं नीतिगत मामलों में राज्यपाल आर एन रवि और सत्ताधारी दल तथा उसके सहयोगियों के बीच वाकयुद्ध की पृष्ठभूमि में सदन का संक्षिप्त सत्र बुलाया गया है ।
रवि तमिलनाडु (राज्य का आधिकारिक नाम) के बदले ‘तमिझगम’ शब्द का कथित तौर पर समर्थन कर रहे हैं, जो राजभवन और सत्ताधारी पार्टी और उसके सहयोगियों के बीच वाकयुद्ध की ताजा कड़ी है।
द्रमुक और सहयोगी दलों ने रवि के रुख का कड़ा विरोध करते हुए उन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विचारधारा को मानने का आरोप लगाया। तमिझगम और तमिलनाडु दोनों का मोटे तौर पर मतलब है, ‘तमिलों की भूमि।’ तमिझगम विवाद पर भाजपा ने रवि का समर्थन किया है। 1967 में द्रमुक के सत्ता में आने के बाद तत्कालीन मद्रास राज्य का नाम बदलकर तमिलनाडु कर दिया गया था।
यहां के पास परंदूर हवाई अड्डा परियोजना के लिए किसानों के विरोध समेत कई अन्य मुद्दों की गूंज सदन में सुनाई देने की उम्मीद है।
अन्नाद्रमुक के अंतरिम महासचिव के पलानीस्वामी (विपक्ष के नेता) और अपदस्थ पार्टी संयोजक ओ पन्नीरसेल्वम के बीच गतिरोध अब भी अदालत में जारी है, और यह देखा जाना बाकी है कि उनकी आपसी रस्साकशी सदन में परिलक्षित होती है या नहीं।
राज्यपाल का अभिभाषण सुबह दस बजे शुरू होगा ।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)