कोलकाता, नौ दिसंबर पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने सोमवार को दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार ने पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार के दौरान राज्य की नगरपालिकाओं में मौजूद "इंस्पेक्टर राज" को समाप्त कर दिया है।
हकीम ने ‘पश्चिम बंगाल नगर निगम संशोधन विधेयक 2024’ पारित होने से पहले विधानसभा में कहा कि वाम मोर्चा शासन के दौरान कर बिल तैयार करने के लिए घर-घर सर्वेक्षण किये जाते थे, जिससे कई बार अनुचित व्यवहार और “इंस्पेक्टर राज” को बढ़ावा मिलता था।
हकीम ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए, टीएमसी सरकार संपत्ति मूल्यांकन में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने के लिए एक 'डिजिटल सर्वेक्षण ऐप' लेकर आएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐप विसंगतियों को कम करेगा और नागरिकों को अपने स्वयं के कर आकलन का सुझाव देने की अनुमति देगा, जिसे मूल्यांकन सुनवाई के दौरान सत्यापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय प्रशासन द्वारा लिया जाएगा।
हकीम ने केंद्र सरकार पर राज्य के लिए जरूरी धनराशि आवंटित न करने का भी आरोप लगाया, लेकिन आश्वासन दिया कि वित्तीय संकट के बावजूद राज्य ने अपने विकास प्रयासों को जारी रखा है। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल का जीडीपी राष्ट्रीय औसत से अधिक है, जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विकास को दर्शाता है।
भाजपा विधायकों द्वारा यह पूछे जाने पर कि 'पश्चिम बंगाल नगर निगम संशोधन विधेयक 2024' क्यों पेश किया गया, हकीम ने कहा, "हमें समय बीतने के साथ कानूनों को अद्यतन करना चाहिए। हम तर्कसंगतता में विश्वास करते हैं।’’
भाजपा के अरूप कुमार दास ने संशोधनों में कुछ बदलावों का सुझाव दिया, लेकिन हकीम ने जवाब दिया, ‘‘मैंने संशोधन मसौदे की समीक्षा की है। माननीय सदस्य द्वारा सुझाए गए किसी भी बदलाव की आवश्यकता नहीं है।’’
विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया और अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय ने सदन की कार्यवाही 10 दिसंबर पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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