नयी दिल्ली, 28 जुलाई दिल्ली की एक अदालत ने विचाराधीन कैदियों के खिलाफ लंबित मामलों के रिकॉर्ड अद्यतन नहीं करने के लिए पुलिस की खिंचाई की है और कहा कि उनके लिए अपना तकनीकी कौशल को बढ़ाने का समय आ गया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सोनू अग्निहोत्री ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को न्यायिक जिला दक्षिणपूर्व के राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) को अद्यतन करने और 11 अगस्त तक अनुपालन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने 26 जुलाई के एक आदेश में कहा, “न्यायिक जिला दक्षिण पूर्व के अद्यतन एससीआरबी आंकड़ें प्राप्त करें ताकि भविष्य में विचाराधीन कैदियों के खिलाफ लंबित मामलों की मौजूदा स्थिति और जमानत याचिका पर जवाब जाने बगैर उनकी जमानत याचिकाओं में देर नहीं हो।”
न्यायाधीश अग्निहोत्री ने यह भी कहा कि एससीआरबी रिकॉर्ड के मुताबिक विचाराधीन कैदियों की संलिप्तता सामान्य तौर पर अद्यतन नहीं होते हैं और पुलिस अधिकारियों द्वारा अक्सर अद्यतन मामला स्थिति का सत्यापन करने के लिए समय मांगा जाता है जिससे जमानत याचिकाओं के निपटान में बेवजह देरी होती है।
उन्होंने कहा कि आज के वक्त में जब हर सूचना महज एक क्लिक पर उपलब्ध है, यह निराश करने वाला है कि दिल्ली पुलिस अब भी नियमित तौर पर अपने रिकॉर्ड अद्यतन नहीं कर रही है जिसके कारण विचाराधीन कैदियों या आरोपियों की जमानत याचिकाओं के निपटान में देरी होती है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा, “मेरे विचार में वक्त आ गया है कि दिल्ली पुलिस अपने तकनीकी कौशलों को बढाए।”
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