लंदन, 15 सितंबर ब्रिटेन में हजारों लोगों ने बृहस्पतिवार को दिवंगत महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए। उनका पार्थिव शरीर ब्रिटेन की राजधानी लंदन स्थित संसद भवन के वेस्टमिंस्टर हॉल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है।
ब्रिटेन में सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाली महारानी का पिछले हफ्ते स्कॉटलैंड स्थित बाल्मोरल कैसल में 96 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उनके ताबूत को स्कॉटलैंड से सड़क और हवाई मार्ग के माध्यम से बकिंघम पैलेस लाया गया था।
महाराजा चार्ल्स तृतीय और उनके बेटे राजकुमार विलियम तथा राजुकमार हैरी भी बुधवार को रस्मी यात्रा के दौरान मौजूद रहे और ताबूत के साथ चलते रहे। महारानी की अन्य संतानें- राजकुमारी एनी, राजकुमार एंड्रयू और राजकुमार एडवर्ड भी रस्मी यात्रा में शामिल थे। ताबूत को घोड़ों वाली तोपगाड़ी में रखा गया था और इसे मध्य लंदन की सड़कों से गुजारा गया, जहां हजारों शोक संतप्त लोग खड़े थे।
हीथ्रो हवाई अड्डे ने विमानों की आवाजाही के कार्यक्रम में यह सुनिश्चित करने के लिए बदलाव किया था कि 40 मिनट की यात्रा के दौरान शांति रहे। इस दौरान हाइड पार्क और बिग बेन से तोपों की सलामी दी गई।
ताबूत पर शाही ध्वज लिपटा हुआ है, जिसके ऊपर ताज रखा गया है।
कैंटरबरी के आर्कबिशप रेवरेंड जस्टिन वेल्बी ने बाइबल से उद्धृत किया, “तुम्हारा मन व्याकुल न हो: तुम परमेश्वर पर विश्वास करते हो, मुझ पर भी विश्वास करो। मेरे पिता के घर में कई भवन हैं : यदि ऐसा न होता तो मैं तुमसे कह देता।"
पारंपरिक ‘लाइंग-इन-स्टेट’ समारोह बुधवार शाम पांच बजे से शुरू हुआ। महारानी के अंतिम दर्शन के लिए करीब चार किलोमीटर से अधिक लंबी कतार लगी हुई है।
डिजिटल, मीडिया और खेल विभाग (डीसीएमएस) के अनुसार, कतार को 16 किलोमीटर से अधिक नहीं होने दिया जाएगा और शोक संतप्त लोगों को आगाह किया गया है कि उन्हें वेस्टमिंस्टर हॉल तक पहुंचने में 30 घंटे तक का समय लग सकता है।
लोग सोमवार सुबह साढ़े छह बजे तक महारानी के अंतिम दर्शन कर सकेंगे, जिसके बाद वेस्टमिंस्टर एबे में पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुबह 11 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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