नयी दिल्ली, पांच मई देश में पारा चढ़ने के साथ ही बिजली की बढ़ती मांग के बीच 184 तापीय बिजली संयंत्रों में मानक के मुकाबले 68 प्रतिशत कोयले का भंडार है।
इन 184 संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता 211 गीगावाट है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की तीन मई की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, उसकी निगरानी वाले 184 संयंत्रों में 4.77 करोड़ टन कोयला का भंडार है, जबकि मानक स्तर 7.05 करोड़ टन है।
यह स्थिति बिजली मंत्रालय के इस अनुमान के मद्देनजर महत्वपूर्ण है कि इस गर्मी के दौरान अधिकतम मांग 260 गीगावाट होगी। सितंबर, 2023 में बिजली की अधिकतम मांग 243 गीगावाट के सर्वकालिक उच्चस्तर पर थी।
किसी एक दिन में बिजली की सबसे अधिक आपूर्ति तीन मई, 2024 को 223.84 गीगावाट तक पहुंच चुकी है, जो मई, 2023 में दर्ज 221.42 गीगावाट से अधिक है।
बिजली की अधिक मांग के अनुमान को देखते हुए विद्युत मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें देश में आयातित कोयला आधारित संयंत्रों को अनिवार्य रूप से चलाना शामिल है।
मंत्रालय ने घरेलू कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को छह प्रतिशत आयातित कोयला मिलाने के लिए भी कहा है।
बिजली क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल में बिजली की मांग 224 गीगावाट से अधिक हो सकती थी, लेकिन बेमौसम बारिश ने ठंडक देने वाले उपकरणों की जरूरत को कम कर दिया। उनका मानना है कि मई और जून में पारा चढ़ने के साथ बिजली की मांग अनुमानित स्तर तक पहुंच सकती है।
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