केरल में सत्ताधारी एलडीएफ और भाजपा के बीच किसी तरह का है समझौता: दलित नेता जिग्नेश मेवानी
Jignesh Mevani (Photo Credit : Twitter)

कोच्चि, 29 मई : दलित नेता जिग्नेश मेवानी (Jignesh Mevani) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित गुजरात द्वारा शुरू की गई सुशासन प्रणाली का अध्ययन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए केरल की वाम सरकार की शनिवार को आलोचना की. मेवानी ने दावा किया कि राज्य में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और भाजपा के बीच किसी तरह का समझौता है. मेवानी कांग्रेस उम्मीदवार उमा थॉमस के लिए प्रचार करने के लिए त्रिक्काकारा निर्वाचन क्षेत्र आये हैं. विकास के 'गुजरात मॉडल' का जिक्र करते हुए गुजरात के निर्दलीय विधायक ने कहा, ‘‘यह अल्पसंख्यक विरोधी, दलित विरोधी है. गुजरात मॉडल में धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय का कोई एजेंडा नहीं है. गुजरात मॉडल में भारतीय संविधान में विश्वास नहीं है.’’

मेवानी ने आरोप लगाया, ‘‘शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के मामले में हम केरल से बहुत पीछे हैं. गुजरात मॉडल लूट का मॉडल रहा है. यह कॉर्पोरेट लूट का मॉडल है. हमारी जमीन और संसाधन कॉर्पोरेट को सौंप दिए गए हैं. यही गुजरात मॉडल है.’’ उन्होंने इस साल अप्रैल में केरल के मुख्य सचिव वी. पी. जॉय और उनके कर्मचारियों के गुजरात दौरे की आलोचना की, जिस दौरान उन्होंने पश्चिमी राज्य में परियोजना कार्यान्वयन के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री के ‘डैशबोर्ड सिस्टम’ पर एक प्रस्तुति में हिस्सा लिया था. उन्होंने कहा कि भाजपा के एक दर्जन से अधिक मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उनमें से कोई भी गुजरात नहीं गया या तथाकथित गुजरात मॉडल का अध्ययन करने के लिए शीर्ष नौकरशाहों की कोई टीम नहीं भेजी. यह भी पढ़ें : Mumbai: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करने का आरोप, BJP प्रवक्ता नुपुर शर्मा के खिलाफ केस दर्ज

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का कोई भी मुख्यमंत्री गुजरात मॉडल की सराहना करने के लिए गुजरात नहीं गया, जिस तरह एलडीएफ कोशिश कर रहा है. यह बहुत खतरनाक संकेत है.’’ मेवानी ने त्रिक्काकारा निर्वाचन क्षेत्र में उमा थॉमस के लिए प्रचार किया और कांग्रेस उम्मीदवार के लिए वोट मांगने के लिए एक जनसभा में हिस्सा लिया. केरल की माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार ने अप्रैल में दो सदस्यीय उच्च स्तरीय आधिकारिक टीम को गुजरात में भाजपा शासित राज्य द्वारा शुरू की गई एक प्रणाली का अध्ययन करने के लिए भेजा था, जिसको लेकर दक्षिणी राज्य में एक विवाद उत्पन्न हो गया था.