नयी दिल्ली, 22 फरवरी उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि उद्योगों में एक वस्तु की आड़ में दूसरे प्रतिबंधित उत्पाद (सरोगेट) के विज्ञापन के प्रसार पर रोक लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे ग्राहकों के हित प्रभावित होते हैं।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने भारतीय विज्ञापन मानक परिषद के सहयोग से ‘ब्रांड विस्तार बनाम ‘सरोगेट’ विज्ञापन विषय पर बृहस्पतिवार को मुंबई में संबंधित पक्षों की परामर्श बैठक आयोजित की।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस बैठक का उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के व्यापक लक्ष्य के साथ ‘सरोगेट’ विज्ञापन, ब्रांड विस्तार और ट्रेडमार्क प्रतिबंधों से जुड़े जटिल मुद्दों को सामूहिक रूप से हल करना था।
इस परामर्श बैठक में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी), सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा ट्रेडमार्क प्राधिकरण सहित सरकारी निकायों के प्रतिनिधि शामिल थे। उन्होंने ‘सरोगेट’ विज्ञापनों को विनियमित करने के तरीके पर अपने विचार साझा किए।
बयान के अनुसार, सिंह ने कहा कि प्रतिबंधित श्रेणियों में आने वाले उत्पादों को बढ़ावा देने वाले ‘सरोगेट’ विज्ञापन उपभोक्ता अधिकारों को कमजोर करते हैं और इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उद्योगों में ‘सरोगेट’ विज्ञापनों के प्रसार को प्रतिबंधित करने की सख्त जरूरत है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)