देश की खबरें | रामराज्य की परिकल्पना में समस्त जीवों और प्रकृति का कल्याण निहित: मुख्यमंत्री

जयपुर, पांच मार्च राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को कहा कि रामराज्य की परिकल्पना में केवल मानव जाति का ही नहीं अपितु समस्त जीव-जन्तुओं, पृथ्वी और प्रकृति का कल्याण निहित है।

शर्मा ने कहा कि प्रकृति में बेहतर सामंजस्य और संतुलन के आधार पर ही मानव जाति का विकास संभव है। इसलिए हमें प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मंगलवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सतत विकास लक्ष्यों में तेजी लाने संबंधी विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन के सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।

एक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जीव-जन्तुओं की कई प्रजातियों का विलुप्त होना चिंताजनक है। इन्हें बचाने के लिए पर्यावरण संतुलन आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रकृति अद्भुत है। यहां प्रत्येक प्राणी का जीवन एक-दूसरे पर निर्भर है और एक जीव दूसरे जीव का पालनहार है। प्रकृति के इसी संतुलन को बनाए रखना वर्तमान समय की आवश्यकता है। हमें हमारी आवश्यकताओं के अलावा भी प्रकृति के प्रति समर्पण का भाव रखना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि राजस्थान वासियों में प्रकृति के प्रति लगाव के कई उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिलते हैं जिनमें अमृता देवी का नाम प्रमुख है, जिन्होंने वृक्षों को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने यूएनडीपी एसडीजी नॉलेज हब पोर्टल, राज्य सरकार द्वारा तैयार एसडीजी-2 डेशबोर्ड तथा खाद्य एवं पोषण सुरक्षा विश्लेषण डैशबोर्ड का लोकार्पण किया।

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