अमरावती, 22 जून आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के ताडेपल्ली में युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के निर्माणाधीन केंद्रीय कार्यालय को तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता की उस शिकायत के आधार पर ध्वस्त किया गया, जिसमें कहा गया था कि विपक्षी पार्टी का कार्यालय कथित तौर पर सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बनाया जा रहा था। पार्टी के एक नेता ने यह जानकारी दी।
तेदेपा द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि पार्टी के एक नेता ने राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (सीआरडीए) और मंगलगिरी ताडेपल्ली नगर निगम (एमटीएमसी) के आयुक्तों के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का कार्यालय सिंचाई विभाग की दो एकड़ जमीन पर अवैध रूप से बनाया जा रहा है।
इसमें कहा गया, ‘‘एमटीएमसी अधिकारियों की मौजूदगी में वाईएसआरसीपी नेताओं के इन अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया।’’
सत्तारूढ़ पार्टी ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ताडेपल्ली में सर्वेक्षण संख्या 202/ए1 के तहत कार्यालय के निर्माण के लिए भूमि का यह टुकड़ा आवंटित किया था।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘जगनमोहन रेड्डी ने इस दो एकड़ जमीन पर पार्टी का कार्यालय बनाकर पड़ोस की 15 एकड़ जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी। अब यह स्पष्ट हो गया है कि सिंचाई विभाग ने इस दो एकड़ जमीन को वाईएसआरसीपी को सौंपने की मंजूरी नहीं दी थी।’’
इससे पहले दिन में, वाईएसआरसीपी के अध्यक्ष वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने गुंटूर जिले के ताडेपल्ली में विपक्षी दल के निर्माणाधीन केंद्रीय कार्यालय को ध्वस्त कर दिया।
रेड्डी ने दावा किया कि उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए पार्टी के कार्यालय को ध्वस्त किया गया।
रेड्डी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चंद्रबाबू प्रतिशोध की राजनीति कर रहे हैं। एक तानाशाह की तरह उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस के केंद्रीय कार्यालय को बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया, जबकि वह लगभग बनकर तैयार हो चुका था।’’
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक बयान के अनुसार, शनिवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे विपक्षी पार्टी के कार्यालय को ध्वस्त किया गया।
बयान में कहा गया, ‘‘वाईएसआरसीपी ने पिछले दिन (शुक्रवार) ही उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और सीआरडीए (राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण) की कार्रवाई को चुनौती दी थी। इसके बावजूद कार्यालय को ध्वस्त किया गया।’’
पार्टी ने कहा कि अदालत ने ध्वस्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया था और पार्टी के एक वकील ने सीआरडीए के आयुक्त को यह जानकारी भी दी थी, लेकिन फिर भी प्राधिकरण ने कार्यालय भवन गिरा दिया।
वाईएसआरसीपी ने कहा कि सीआरडीए द्वारा उसके कार्यालय को गिराना अदालत की अवमानना के समान है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनसेना की भागीदारी वाली राजग सरकार के नेतृत्व में दक्षिणी राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
उन्होंने कहा कि यह तोड़-फोड़ दिखाती है कि अगले पांच साल में नायडू का शासन कैसा होगा।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी प्रमुख ने कहा कि विपक्षी दल इन प्रतिशोध की राजनीति से नहीं डरेगा।
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