विदेश की खबरें | रूस पर प्रतिबंध तेल पर निर्भरता के चलते पूरी तरह लागू नहीं हो पा रहे

रूस द्वारा 24 फरवरी को आक्रमण करने के बाद समूह ने मास्को पर पांच दौर के प्रतिबंध लगाये हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, वरिष्ठ अधिकारी, 350 से अधिक सांसदों और क्रेमलिन समर्थक उद्योगपतियों की संपत्ति पर रोक और यात्रा प्रतिबंध लगाये गए। इससे बैंकों, परिवहन क्षेत्र और कथित प्रचार केंद्रों को निशाना बनाया गया।

पूर्व में जिसमें तीन वर्ष लगते उसे 27 देशों के यूरोपीय संघ द्वारा तीन महीने में हासिल किया गया। हालांकि रूस की ऊर्जा आय को उसकी तेल पर निर्भरता कम करके सीमित करने की प्रक्रिया कठिन साबित हो रही है।

यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा, यूरोपीय आयोग ने 4 मई को युद्ध प्रतिबंधों का छठा पैकेज प्रस्तावित किया जिसमें रूस से तेल आयात पर प्रतिबंध शामिल था। यूरोपीय आयोग अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने उस समय स्वीकार किया था कि सभी की सहमति हासिल करना ‘‘आसान नहीं होगा।’’

चेक गणराज्य और स्लोवाकिया के साथ हंगरी उन कई देशों में से एक है जो रूसी तेल पर अत्यधिक निर्भर हैं। बुल्गारिया को भी आपत्ति है। हंगरी को 60 प्रतिशत से अधिक तेल रूस से और 85 प्रतिशत से अधिक प्राकृतिक गैस प्राप्त होता है।

यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मामले को सुलझाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे। मैं यह सुनिश्चित नहीं कर सकता कि ऐसा होने जा रहा है क्योंकि स्थिति काफी मजबूत है।’’वह ब्रसेल्स में समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता करने पहुंचे थे।

बोरेल ने कहा, ‘‘कुछ सदस्य देशों को अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि वे अधिक निर्भर हैं, क्योंकि वे भूमि से घिरे हुए हैं और उनके पास केवल पाइपलाइनों के माध्यम से तेल है और जो रूस से आ रहा है।’’

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