(तस्वीर सहित)
नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार को लगातार तीसरी बार जनादेश देकर देश के लोगों ने स्थिरता का संदेश दिया और हाल ही में संपन्न हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने इस अभिव्यक्ति को और मजबूती दी है।
एनडीटीवी विश्व शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत के पास एस्पिरेशनल इंडिया (एआई यानी आकांक्षी भारत) और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई यानी कृत्रिम बुद्धमत्ता) के ‘दोहरे एआई’ का लाभ है और जब दोनों की ताकत मिलती है तब विकास की गति भी तेज होना स्वाभाविक है।
भारत को एक उभरती हुई शक्ति करार देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे समय में, जब दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है, भारत उम्मीद की एक किरण बना है तथा आशा का संचार कर रहा है।
मोदी ने कहा कि संकट के समय में भारत ‘विश्व मित्र’ की भूमिका निभाता है और कोविड महामारी के दौरान भेजे गए जीवनरक्षक टीके इसका उदाहरण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है और इसका पैमाना अप्रत्याशित है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज जब चर्चा का केंद्र चिंता ही है, तब भारत में चर्चा का विषय है 'भारत की शताब्दी।' दुनिया में मची उथल-पुथल के बीच भारत उम्मीद की एक किरण बना है। जब दुनिया चिंता में डूबी है, तब भारत आशा का संचार कर रहा है।’’
मोदी ने कहा कि हालांकि भारत की अपनी चिंताएं हैं, लेकिन इसमें सकारात्मकता की भावना है जो सभी भारत के लिए महसूस भी करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत के संबंध विश्वास और विश्वसनीयता पर बने हैं और जब भारत आगे बढ़ता है तो कोई ईर्ष्या नहीं करता है। उन्होंने कहा, ‘‘बल्कि दुनिया इससे खुश होती है क्योंकि इसकी प्रगति से विश्व को लाभ होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत इतिहास में वैश्विक विकास की ताकत रहा है, लेकिन भारत ने गुलामी भी देखी और औद्योगिक क्रांतियों का लाभ नहीं उठा पाया। अब, यह उद्योग 4.0 का समय है और हम तैयार हैं क्योंकि अब हम गुलाम नहीं हैं। देश उद्योग 4.0 के लिए आवश्यक कौशल विकास कर रहा है और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर काम कर रहा है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक विकासशील देश होने के साथ-साथ एक उभरती हुई शक्ति भी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम गरीबी की चुनौतियां भी समझते हैं और प्रगति का रास्ता बनाना भी जानते हैं। हमारी सरकार तेजी से नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है, नए सुधार कर रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत हर सेक्टर में, हर क्षेत्र में जिस तेजी से काम कर रहा है, वह अभूतपूर्व है। भारत की गति, भारत का पैमाना अप्रत्याशित है।’’
प्रधानमंत्री ने अपने तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 125 दिनों में किए गए विभिन्न कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब भारत दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है और यह 2047 तक विकसित भारत बनाने के संकल्प में भी दिखता है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सोच और दृष्टिकोण में आए बदलाव पर आप भी ध्यान देते होंगे। अब हम बीते समय की तुलना नहीं करना चाहते और अपनी उपलब्धियों पर निर्भर नहीं होना चाहते। हम एक नए दृष्टिकोण के साथ अपने लक्ष्य के बारे में चिंतित हैं।’’
मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है और इस युवा देश की क्षमता हमें आसमान की ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।
उन्होंने कहा कि दुनिया का वर्तमान और भविष्य एआई से जुड़ा है और भारत के पास एआई के लाभ की दोगुनी शक्ति है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया के लिए एआई का मतलब कृत्रिम बुद्धिमत्ता है, हमारे पास वह है। इसके साथ ही हमारे पास आकांक्षी भारत भी है। जब आकांक्षी भारत और कृत्रिम बुद्धिमत्ता की ताकत मिलती है तो तेज गति से विकास होना स्वाभाविक है।’’
उन्होंने कहा कि भारत हर क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग बढ़ा रहा है।
21वीं सदी के इस समय को मानव इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण समय करार देते हुए मोदी ने कहा कि ऐसे में स्थिरता, टिकाऊपन और समाधान आज के युग की बड़ी जरूरतें हैं।
उन्होंने इन्हें मानवता के बेहतर भविष्य के लिए सबसे जरूरी शर्तें बताते हुए कहा कि भारत आज यही प्रयास कर रहा है।
मोदी ने कहा, ‘‘छह दशक में पहली बार देश के लोगों ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार को अपना जनादेश दिया है। यह स्थिरता का संदेश है। अभी हरियाणा में हुए चुनाव में भी भारत की जनता ने स्थिरता के इस भाव को मजबूती दी है।’’
भाजपा ने हाल ही में हरियाणा चुनावों में 90 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की और चुनाव पूर्व सभी अनुमानों को धता बताते हुए उसने लगातार तीसरी बार जनादेश हासिल किया।
मोदी ने कहा कि भारत ने दूरसंचार और डिजिटल भविष्य, वैश्विक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र, वैश्विक फिनटेक उत्सव से संबंधित कार्यक्रमों में भी भाग लिया और नागरिक उड्डयन और नवीकरणीय ऊर्जा के भविष्य पर चर्चा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ये आयोजन उस विश्वास को प्रदर्शित करते हैं जो दुनिया का भारत में है।’’
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