देश की खबरें | मनोवैज्ञानिक रूप से टूट चुके हैं प्रधानमंत्री, उनकी चिंता नीट नहीं, सरकार बचाने की है: कांग्रेस

नयी दिल्ली, 20 जून कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूजीसी-नेट और नीट-यूजी की परीक्षाओं में कथित पेपर लीक के मुद्दे को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया और कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध रोक देने के दावे किए गए, लेकिन वह पेपर लीक को रोक नहीं पा रहे या फिर इसे रोकना नहीं चाहते हैं।

उन्होंने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मनोवैज्ञानिक रूप से टूट चुके हैं तथा उनकी छाती ‘‘56 इंच से कम होकर 30-32 इंच रह गई है।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह दावा भी किया कि फिलहाल उनकी चिंता सिर्फ लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव और अपनी सरकार बचाने की है।

उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षण संस्थाओं पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके मातृत्व संगठन से जुड़े लोगों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि जब तक इस स्थिति को बदला नहीं जाएगा तब तक पेपर लीक होना बंद नहीं होंगे।

राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी दल संसद के आगामी सत्र में पेपर लीक के मुद्दे को उठाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘कहा जा रहा था कि नरेन्द्र मोदी जी ने रूस-यूक्रेन के युद्ध को रोक दिया था। इजरायल और गाजा के बीच युद्ध को को रोक दिया था। लेकिन नरेन्द्र मोदी हिंदुस्तान में पेपर लीक को रोक नहीं पा रहे हैं या रोकना नहीं चाहते हैं।

राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘अगर मैं कहूं तो प्रधानमंत्री मनोवैज्ञानिक रूप से टूट चुके हैं। वह मनोवैज्ञानिक रूप से ढह गए हैं और इस तरह सरकार चलाने के लिए संघर्ष करेंगे...मोदी का सरकार चलाने का विचार लोगों में डर पैदा करना, उन्हें डराना और बोलने नहीं देना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव में मोदी की मूल अवधारणा नष्ट हो गयी है। अब हमारे पास एक मजबूत विपक्ष है।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का मुख्य एजेंडा लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव है तथा उन्हें नीट की कोई चिंता नहीं है।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि प्रधानमंत्री की सिर्फ यही कोशिश है कि किसी तरह से उनका (भाजपा) लोकसभा अध्यक्ष बन जाए और उनकी सरकार इस स्थिति से आगे निकल जाए।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘देखिए, वह (मोदी) गुजरात मॉडल फिर वो राष्ट्रीय स्तर पर लाए, वो ‘कांसेप्ट (परिकल्पना)’ क्या था। यह मार्केटिंग और डर का कांसेप्ट था...अब हुआ क्या, अब देश में उनसे कोई डरता ही नहीं....जो पहले 56 इंच की छाती थी, अब नंबर तो नहीं दे सकता हूं, पर 30-32 हो गई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपने देखा कि वाराणसी में (गाड़ी पर) किसी ने चप्पल मार दी। अब आप कल्पना कीजिए, चुनाव से पहले यदि कोई मारना भी चाहता था, डर था। तो जो वो डर था, वो गायब हो गया, खत्म हो गया।

बाद में इस बयान को लेकर राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘एक और महत्वपूर्ण बात जो संवाददाता सम्मेलन में कहनी रह गई। नरेन्द्र मोदी और उनके काफिले पर चप्पल फेंका जाना बहुत ही निंदनीय है और उनकी सुरक्षा में गंभीर चूक है। सरकार की नीतियों पर अपना विरोध गांधीवादी तरीके से दर्ज कराया जाना चाहिए, लोकतंत्र में हिंसा और नफ़रत की कोई जगह नहीं है।’’

संवाददाता सम्मेलन में पेपर लीक के मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर योग्यता के आधार पर नौकरी नहीं दी जाएगी, असमर्थ लोगों को कुलपति बनाया जाएगा और परीक्षा के ढांचे में अपनी विचारधारा के लोगों को डालेंगे तो पेपर लीक होगा। पेपर लीक का कारण है कि भाजपा के मातृत्व संगठन ने पूरे तंत्र को कब्जा कर रखा है।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जो संस्थान पहले निष्पक्ष हुआ करते थे, आज एक विचारधारा के साथ चलने लगे हैं तथा इन संस्थानों में असमर्थ लोगों के बैठा दिया गया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में हुए 'व्यापम' घोटाले को पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है।

कांग्रेस नेता ने कहा, "मामले की जांच की जा रही है...जो कोई भी जिम्मेदार है। उन्हे पकड़ा जाना चाहिए।"

गांधी ने नीट-यूजी के कुछ अभ्यर्थियों से मुलाकात भी की।

मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ को लेकर उपजे विवाद के बीच, शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का बुधवार को आदेश दिया और मामले को गहन जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा है।

हक

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