विदेश की खबरें | मॉल्दोवा के लोगों ने यूरोपीय संघ की सदस्यता के लिए बहुत मामूली बहुमत से समर्थन किया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

केंद्रीय चुनाव आयोग के मुताबिक रविवार को ईयू में शामिल होने के लिए हुए जनमत संग्रह के बाद 99.41 फीसदी मतों की गणना की जा चुकी है और देश के ईयू में शामिल होने के लिए 50.39 प्रतिशत लोगों ने समर्थन किया है जबकि 49.61 फीसदी लोगों ने इसका विरोध किया।

यह चुनाव मॉल्दोवा के अधिकारियों के इस दावे के बीच हुआ कि रूस ने देश को अस्थिर करने और यूरोपीय संघ की सदस्यता हासिल करने की उसकी कोशिशों को पटरी से उतारने के लिए “हाइब्रिड युद्ध” छेड़ा हुआ है। इन आरोपों में मॉस्को समर्थक विपक्षी समूहों का वित्त पोषण करना, गलत सूचना फैलाना, स्थानीय चुनावों में हस्तक्षेप करना तथा वोट खरीदने की एक बड़ी साजिश का समर्थन करना शामिल है।

इससे पहले, ऐसा लग रहा था कि ईयू की सदस्यता के खिलाफ मतदान करने वालों की संख्या ज्यादा है।

करीब 90 फीसदी मतों की गणना के बाद मॉल्दोवा के राष्ट्रपति मैया सैंडू ने कहा था, “ हमारे राष्ट्रीय हितों के प्रति शत्रुतापूर्ण विदेशी ताकतों के साथ मिलकर काम करने वाले आपराधिक समूहों ने हमारे देश पर करोड़ों यूरो, झूठ और दुष्प्रचार के साथ हमला किया है, तथा हमारे नागरिकों और हमारे राष्ट्र को अनिश्चितता और अस्थिरता में फंसाए रखने के लिए सबसे निंदनीय साधनों का उपयोग किया है।”

ब्रुसेल्स में, यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा, यूरोपीय आयोग ने कहा कि उसकी विभिन्न एजेंसियों ने भी मोल्दोवा में रूसी हस्तक्षेप को देखा है, तथा उसने यूरोपीय संघ में प्रवेश के लिए मॉल्दोवा को अपना निरंतर समर्थन रेखांकित किया।

इसके प्रवक्ता पीटर स्टेनो ने कहा, “ यह मतदान रूस और उसके प्रतिनिधियों द्वारा अभूतपूर्व हस्तक्षेप और डराने धमकाने के बीच हुआ, जिसका उद्देश्य मोल्दोवा गणराज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को अस्थिर करना था।”

एपी

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