देश की खबरें | पूर्वी दिल्ली के एकमात्र निगम अस्पताल ने कोविड की संभावित तीसरी लहर के लिए बनाई बड़ी योजना

नयी दिल्ली, 20 जुलाई पूर्वी दिल्ली में नगर निगम द्वारा संचालित एक मात्र स्वामी दयानंद अस्पताल कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिये 10 बिस्तरों वाले आईसीयू और 25 बिस्तरों वाले समर्पित बच्चों के विभाग समेत कई तैयारियां कर रहा है।

पूर्वी दिल्ली में स्थित 370 बिस्तरों वाला यह अस्पताल न सिर्फ इलाके के लोगों बल्कि राष्ट्रीय राजधानी से लगने वाले उत्तर प्रदेश के भी कुछ हिस्सों के लोगों की जरूरतों को पूरा करता है।

पूर्वी दिल्ली के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने मंगलवार को कहा, “तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हम सभी संभव प्रयास कर रहे हैं, यद्यपि हम उम्मीद कर रहे हैं कि स्थिति यहां से और न बिगड़े। स्वामी दयानंद इस क्षेत्र में पूर्वी दिल्ली नगर निगम का एक मात्र अस्पताल है और महामारी की दूसरी लहर में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।”

पहली और दूसरी लहर ने दिल्ली में अस्पतालों से लेकर शमशानों तक व्यवस्थाओं पर बहुत जोर डाला था और इसलिये प्रयास किए जा रहे हैं कि उस परिदृश्य का दोहराव न हो।

देश भर में फैली महामारी की जानलेवा दूसरी लहर के कहर से दिल्ली भी नहीं बची थी और यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोगों की उस दौरान जान जा रही थी जबकि अप्रैल-मई के महीने में विभिन्न अस्पतालों में हुई ऑक्सीजन की किल्लत ने चिंता को और बढ़ा दिया था।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 19 अप्रैल से दैनिक मामले और एक दिन में होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई। 20 अप्रैल को जहां 28,000 से ज्यादा मामले सामने आए तो वहीं 277 लोगों की मौत हुई थी। 22 अप्रैल को एक दिन में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 306 हो गई । तीन मई को शहर में एक दिन में महामारी से सबसे ज्यादा 448 लोगों की जान गई।

अस्पतालों, मुर्दाघरों और शमशान घाटों में लंबी कतार कोविड-19 महामारी की भयावहता को बयां कर रहे थे। बीते कुछ दिनों के दौरान दैनिक मामलों में कमी के बावजूद चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि महामारी की तीसरी लहर आसन्न है।

अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ग्लैडबिन त्यागी ने ‘पीटीआई-’ से कहा, “हमनें 10 बिस्तरों वाली आईसीयू सुविधा शुरू की है और बच्चों के विभाग में 70 बिस्तरों में से 25 बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए निर्धारित किए हैं, क्योंकि आसन्न तीसरी लहर में बच्चों के चपेट में आने की ज्यादा आशंका है।”

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