देश की खबरें | 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के निर्माता भारत में मुसलमानों की हत्याओं पर भी फिल्म बनाएं : आईएएस अधिकारी

भोपाल, 20 मार्च मध्यप्रदेश में पदस्थ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी ने 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के निर्माता से भारत में ‘कई राज्यों में बड़ी तादात में मुसलमानों की हत्याओं’ पर भी एक फिल्म बनाने का आग्रह किया है और कहा कि इस अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य कीड़े-मकोड़े नहीं हैं, बल्कि इंसान है और देश के नागरिक हैं।

आईएएस अधिकारी के दो दिन पहले दिए गए इस विवादित बयान पर मध्यप्रदेश के एक मंत्री ने रविवार को कहा कि इस बारे में वह कार्मिक विभाग को पत्र लिख कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।

मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग में उप सचिव 50 वर्षीय आईएएस अधिकारी नियाज खान ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘कश्मीर फाइल ब्राह्मणों के दर्द को दिखाती है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। निर्माता को कई राज्यों में बड़ी तादाद में हुई मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए भी एक फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े-मकोड़े नहीं हैं, बल्कि इंसान और देश के नागरिक हैं।”

अधिकारी ने यह भी कहा कि अलग-अलग अवसरों पर ‘मुसलमानों के नरसंहार’ को दिखाने के लिए वह एक पुस्तक लिखने की योजना भी बना रहे हैं ताकि 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्म की तरह किसी फिल्म निर्माता द्वारा इस पर भी फिल्म बनाई जा सके और ‘अल्पसंख्यकों के दर्द और पीड़ा’ को भारतीयों के सामने लाया जा सके।

'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के निर्माता अभिषेक अग्रवाल एवं निर्देशक विवेक अग्निहोत्री हैं। यह फिल्म 1990 के दशक में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के नरसंहार एवं पलायन पर आधारित है, जो 11 मार्च को रिलीज हुई है। अनुपम खेर, पल्लवी जोशी एवं मिथुन चक्रवर्ती इसमें मुख्य भूमिका में हैं। मध्यप्रदेश और गुजरात समेत कुछ भाजपा शासित राज्यों ने फिल्म को कर मुक्त किया है।

नियाज खान के इस विवादित बयान पर पूछे गये सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने यहां रविवार को मीडिया से कहा, ‘‘वह (नियाज खान) फिरकापरस्ती की बात कर रहे हैं और उन्हें पद पर रहने का अधिकारी नहीं है। जिस प्रकार से नियाज खान ने यह बयानबाजी एवं ट्वीट युद्ध शुरू किया है, ये सर्विस रूल्स के भी खिलाफ है।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘वह (नियाज खान) एक प्रशासकीय पद पर बैठे हैं। उन्हें अपनी सीमाओं का ज्ञान होना चाहिए था। वह सर्विस रूल्स की सीमाओं का उल्लंघन कर रहे हैं। आज मैं कार्मिक विभाग को पत्र लिख रहा हूं कि इस तरह की हरकत कोई कर रहा है तो निश्चित रूप से उसके खिलाफ मिसकंडक्ट (कदाचार) का केस भी चलना चाहिए और उन्हें उनके आईएएस के पद से हटाना चाहिए।’’

सारंग ने कहा, ‘‘ये हरकतें कर वह समाज में फिरकापरस्ती फैला रहे हैं।’’

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