देश की खबरें | उपराज्यपाल ने एमसीडी के सदन की बैठक के लिए पीठासीन अधिकारी को नियमों के तहत मनोनीत किया : राजनिवास

नयी दिल्ली, सात जनवरी दिल्ली के राज्यपाल वी.के. सक्सेना ने सत्या शर्मा को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन की बैठक के लिए पीठासीन अधिकारी (प्रोटेम स्पीकर) के तौर पर मनोनीत करने में नियमों का पालन किया और शर्मा का नाम उन छह नामों में से चुना गया, जो आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से भेजे गए थे।

राजनिवास के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल सक्सेना पर एमसीडी में 10 ‘एल्डरमैन’ के मनोनयन और पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति में शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को उन्हें पत्र लिखा था।

केजरीवाल ने पत्र में कहा था, ‘‘निर्वाचित सरकार को एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ को नामित करना चाहिए। यह चौंकाने वाला और दुखद है कि कैसे उपराज्यपाल ने सरकार से परामर्श किए बिना अपनी पसंद तय कर ली।’’

उन्होंने कहा था, ‘‘पीठासीन अधिकारी के रूप में वरिष्ठतम पार्षद की नियुक्ति की परंपरा को दरकिनार किया गया और उपराज्यपाल ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने की निर्वाचित सरकार की शक्ति में अतिक्रमण किया।’’

उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी में उनके सहयोगियों द्वारा किए जा रहे दावों के विपरीत, उपराज्यपाल ने नव-निर्वाचित एमसीडी के अंतरिम पीठासीन अधिकारी को नामित करते समय संवैधानिक प्रावधानों और अधिनियमों का निष्ठापूर्वक पालन किया।’’

बयान में कहा गया कि सक्सेना ने ‘‘अचानक और अप्रत्याशित रूप’’ से शर्मा को पीठासीन अधिकारी नामित नहीं किया।

इसमें कहा गया कि एमसीडी या ‘आप’ सरकार ने पीठासीन अधिकारी के रूप में चुने जाने पर विचार करने के लिए पांच अन्य पार्षदों के साथ शर्मा का नाम उपराज्यपाल को भेजा गया था। शर्मा के अलावा मुकेश गोयल, प्रीति, शकीला बेगम, हेमचंद गोयल और नीमा भगत का नाम भी शामिल था।

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