भुवनेश्वर, 21 जुलाई ओडिशा की 17वीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, लेकिन इसके हंगामेदार रहने के आसार हैं क्योंकि विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) पुरी राजभवन में एक सरकारी कर्मचारी पर कथित हमले और रथ यात्रा के 'कुप्रबंधन' सहित कई मुद्दों पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरने का प्रयास करेगी।
शनिवार शाम हुई विधायक दल की बैठक में मुख्य विपक्षी दल बीजद ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान कथित कुप्रबंधन, राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति, पुरी में राजभवन में एक सहायक सुरक्षा अधिकारी (एएसओ) पर 'हमला' और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि सहित अन्य मुद्दों को सत्र में उठाने का फैसला किया है।
बीजद की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने और धान पर न्यूनतन समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने सहित कई वादे किए थे।
उन्होंने कहा, ''हम देखेंगे कि नई सरकार इन अपेक्षाओं को पूरा करती है या नहीं।''
कांग्रेस राजभवन के सहायक सुरक्षा अधिकारी (एएसओ) पर कथित रूप से हमला करने के मामले में ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास के बेटे के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है। उसने भी इस मुद्दे को सदन के अंदर उठाने का फैसला किया है।
दूसरी ओर, भाजपा सरकार ने कहा कि वह विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को सुनने के लिए तैयार है।
भाजपा विधायक प्रकाश सोरेन ने कहा, ''हमारी सरकार ने सत्ता में आने के 40 दिनों के भीतर पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में किए गए तीन से चार वादों पर निर्णय ले लिया है। सत्तारूढ़ पार्टी विपक्ष की सभी रणनीतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार है।''
ओडिशा विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाधी ने सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। हालांकि, कांग्रेस और मार्कस्वादी कांग्रेस पार्टी (माकपा) इसमें शामिल नहीं हुई थी।
ओडिशा की 17वीं विधानसभा का सत्र 13 सितम्बर तक चलेगा।
ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 78 विधायक, बीजद के 51, कांग्रेस के 14 और माकपा का एक विधायक हैं जबकि तीन निर्दलीय विधायक भी हैं।
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